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Gen Z पोस्ट ऑफिस क्या है ? पहले IIT दिल्ली अब इन विश्वविद्यालयों में भी खुला

IIT दिल्ली के बाद अब केरल और आंध्र प्रदेश में Gen Z पोस्ट ऑफिस खोले गए हैं. इसका उद्देश्य Gen Z छात्रों को पोस्टल सेवाओं से जोड़ना है.

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केरल और आंध्र प्रदेश यूनिवर्सिटी में खुला Gen Z पोस्ट ऑफिस. (Photo: PIB)
केरल और आंध्र प्रदेश यूनिवर्सिटी में खुला Gen Z पोस्ट ऑफिस. (Photo: PIB)

आज के युग में जहां हर कुछ ऑनलाइन हो गया है. वहां इंडिया पोस्ट लगातार Gen Z छात्रों को पोस्टल सेवाओं से जोड़ने का प्रयास कर रहा है. इसके तहत कॉलेजों में Gen Z पोस्ट ऑफिस खोल रहे हैं. ये सुनने में थोड़ा अजीब है लेकिन आज की पीढ़ी के लिए बेहद फायदेमंद है. 

IIT दिल्ली के बाद अब केरल और आंध्र प्रदेश में पोस्ट ऑफिस खोले गए हैं. इसका मकसद छात्रों को पोस्टल सेवाओं से जोड़ना और इस बात को समझाना था कि डाकघर सिर्फ चिट्ठियां भेजने के लिए नहीं बल्कि कई आधुनिक सुविधाओं का केंद्र भी है.  

केरल में खुला Gen Z पोस्ट ऑफिस 

केरल के कोट्टायम के सीएमएस कॉलेज में Gen Z पोस्ट ऑफिस की शुरुआत की गई है, जो कि पूरी तरह से छात्रों के द्वारा और छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी खासियत है कि इसे इको-फ्रेंडली और बहुत ही क्रिएटिव तरीके से बनाया गया है. 

पोस्ट ऑफिस में किन-किन चीजों की है सुविधा 

इस पोस्ट ऑफिस में पिकनिक स्टाइल बैठने की जगह, हरा-भरा वर्टिकल गार्डन, पुराने टायरों से बनाया गया स्टूल और छात्रों द्वारा बनाई गई की कई सारी तस्वीरें हैं, जो इंडियन पोस्ट, कट्टायम की साहित्यिक विरासत के बारे में बताता है. यहां एक एक माईस्टैम्प कॉर्नर भी शामिल है, जहां छात्र अपनी तस्वीर के साथ पर्सनल स्टैंप बना सकते हैं. इस पोस्ट ऑफिस में चार्जिंग पॉइंट भी बनाया गया है, जिससे यहां पर समय बिताना आसान हो. साथ ही यहां पर बोर्ड गेम और छोटी सी लाइब्रेरी भी है. 

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आंध्र प्रदेश में कैसा है ये Gen Z पोस्ट ऑफिस?

वहीं, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय को भी अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिल गया है. ये पूरी तरह से टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. यहां पर पार्सल ट्रैकिंग, बुकिंग के लिए एरिया, हाई स्पीड पार्सल काउंटर, डिजिटल डिस्प्ले, मोबाइल चार्जिंग स्टेशन के साथ ही कई सुविधाएं हैं. 

क्यों बनाए गए हैं ये पोस्ट ऑफिस ?

इस Gen Z पोस्ट ऑफिस की शुरुआत IIT दिल्ली के साथ हुई. ये केवल पोस्टिंग के लिए नहीं बल्कि सीखने और करियर मार्गदर्शन के लिए भी बनाई गई है. ये मॉडल इतना सफल हुआ कि एक के बाद कई कॉलेजों ने इसे अपनाया है. 

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