Harvard University: अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य के कैम्ब्रिज शहर में स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हाल ही में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस आयोजन में यूनिवर्सिटी की तरफ से पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब और अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख जैसे बड़े अधिकारियों को बुलाया गया. पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानों को आयोजन में बुलाने से भारतीय छात्र नाखुश हैं.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा सुरभि तोमर ने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला एक सुनियोजित धार्मिक आधारित नरसंहार था, जिसे पूरी तरह से लक्षित किया गया था. उनका मानना है कि जब हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने उन अधिकारियों को आमंत्रित किया, जिन्होंने ऐसे हमलों को वैचारिक रूप से सही ठहराया है, तो यह राज्य समर्थित आतंकवादी नैरेटिव को हमारे कैंपस पर वैधता प्रदान करने जैसा हो सकता है. उनका कहना है कि हार्वर्ड जैसे संस्थान को ऐसे देश के अधिकारियों की मेजबानी नहीं करनी चाहिए, जो आतंकवाद का समर्थन करता है.
सुरभि तोमर ने कहा, "यह हमला पहले से ही तेय था और यह संयोग नहीं था. हालांकि, यह संयोग था, फिर भी हम यह नहीं मानते कि किसी भी संस्था के लिए, खासकर हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालय के लिए, ऐसे व्यक्तित्वों को मंच देना सही है, जो अपने देश में ऐसे कृत्यों को उचित ठहरा रहे हैं और उनका विरोध नहीं कर रहे."
यह बयान तब आया जब हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट ने पाकिस्तान पर एक सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया था, जिसमें कुछ ऐसे अधिकारी भी शामिल थे, जिनकी विचारधारा हिंसा और आतंकवाद को उचित ठहराती है. सुरभि ने यह भी कहा कि यह कदम विश्वविद्यालय को आतंकवादी विचारधाराओं को पनपने का मौका दे सकता है, खासकर जब ये विचारधाराएं उनके देश में खुले तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है.
पाकिस्तानी छात्रों ने किया था कार्यक्रम का आयोजन
इसके बाद हार्वर्ड ने इस विवाद से खुद को अलग कर लिया और इस कार्यक्रम की डिटेल्स को अपनी वेबसाइट से हटा दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्यक्रम का आयोजन हार्वर्ड के पाकिस्तानी छात्रों ने किया था. संस्थान का कहना है कि उसकी भागीदारी सिर्फ प्रबंधन-सहायता देने तक ही सीमित थी. अमेरिकी विदेश मंत्री को पत्र: भारतीय छात्रों ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा पाकिस्तानी प्रतिनिधियों को मंच देने पर जताई चिंता.
भारतीय छात्रों ने लिखा पत्र
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दो भारतीय छात्रों, सुरभि तोमर और अभिषेक चौधरी ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा पाकिस्तानी सरकार के प्रतिनिधियों को मंच देने पर कड़ी आपत्ति जताई. अपने पत्र में छात्रों ने कहा कि यह कदम गलत था, क्योंकि इससे यह संदेश जाता है कि विश्वविद्यालय आतंकवाद को बढ़ावा देने या उसे सही ठहराने वाली सरकारों के साथ खड़ा है.
पत्र में लिखा गया, "आतंकवाद को समर्थन देने या उसे उचित ठहराने वाले देशों के प्रतिनिधियों को मंच देना यह संकेत देता है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ऐसी विचारधाराओं का समर्थन करती है. संयुक्त राज्य अमेरिका को ऐसे देशों के प्रतिनिधियों की मेज़बानी नहीं करनी चाहिए, जो धार्मिक आधार पर नागरिकों को निशाना बनाने वाले संगठनों को संरक्षण और बढ़ावा देते हैं."
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करे
इसके अलावा, इन छात्रों ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से यह भी मांग की कि वह पहलगाम हमले की सार्वजनिक रूप से निंदा करें, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि विश्वविद्यालय ऐसी हिंसक घटनाओं का समर्थन नहीं करता. हालांकि, खबर लिखे जाने तक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. दिलचस्प बात यह है कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट से संबंधित विवरण हटा लिए गए हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि हार्वर्ड इस विवाद से खुद को अलग रखना चाहता है.