भारत में IPS, IAS, IRS, IFS आदि ऑफिसर पद पर नौकरी पाने के लिए UPSC की परीक्षा देनी पड़ती है. जो इस परीक्षा के तीनों पड़ाव को पार कर लेते हैं उनकी भारत सरकार ट्रेनिंग करवाती है. इन कैंडिडेट्स की ट्रेनिंग मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री अकेडमी (LBSNAA) में होती है. LBSNAA की तरह ही बांग्लादेश की बांग्लादेश सिविल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन अकेडमी (BCSAA) हैं, जहां इस देश के अफसरों की ट्रेनिंग होती है. ऐसे में आइए जानते हैं बांग्लादेश की BCSAA कैसे काम करती है.
बांग्लादेश सिविल सेवा प्रशासन अकादमी शुरुआत में राजपत्रित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (GOTA) थी. बाद में, 1977 में, अकादमी का नाम बदलकर सिविल अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (COTA) कर दिया गया था. इसके बाद 21 अक्टूबर 1987 को, अकादमी का नाम बदलकर बांग्लादेश सिविल सेवा प्रशासन अकादमी कर दिया गया, जो स्थापना मंत्रालय (अब लोक प्रशासन मंत्रालय) के तहत एक संलग्न संस्थान है.
वहां भी है क्रेज
भारत में यूपीएससी परीक्षा का क्रेज युवाओं में बहुत ज्यादा है. वैसे ही बांग्लादेश में बीसीएस एग्जाम के लिए हर साल बड़ी संख्या में उम्मीदवार तैयारी करते हैं. इस एग्जाम को बांग्लादेश की एक प्रतिष्ठित परीक्षा कहा जाता है. वहीं, ये परीक्षा भी यूपीएससी की तरह ही काफी कठिन माना जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार बीसीएस परीक्षा के लिए औसतन हर साल 350,000 से 425,000 उम्मीदवार आवेदन करते हैं.
ढाका में यहां है बांग्लादेश की LBSNAA
बांग्लादेश की यह अकादमी देश की राजधानी ढाका के शाहबाग एवेन्यू में बनी हुई है. ये कुल 2.35 एकड़ जगह पर बना हुई है. इस अकादमी के प्रमुख एक रेक्टर होते हैं, जिनका पद बांग्लादेश सरकार के सचिव के बराबर होता है. इसके अलावा अन्य अफसर और सहायक स्टाफ भी यही रहते हैं. इस अकादमी से ट्रेनिंग पूरी करने वाले कैंडिडेट्स को सर्टिफिकेट भी दिया जाता है. इस अकादमी के कैंडिडेट्स को आगे की ट्रेनिंग के लिए कई बार विदेश भी भेजा जाता है.
भारत में होगी बांग्लादेशी प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रेनिंग
हाल ही में भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग और बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के अनुसार वर्ष 2025 से 2030 तक भारत में 1500 बांग्लादेशी प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन बांग्लादेशी प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षण, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में दिया जायेगा. राष्ट्रीय सुशासन केंद्र का गठन भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में किया गया था. यह प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है. इसका मेन ऑफिस दिल्ली में है और शाखा कार्यालय मसूरी में है.