
Astronaut Shubhanshu Shukla Success story: उत्तर प्रदेश की धरती एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है. लखनऊ की गलियों में खेला-कूदा एक साधारण सा बालक, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अब अंतरिक्ष की सैर करने जा रहा है. 8 जून 2025 को वह Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर निकलेंगे. यह सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं, बल्कि भारत की उम्मीदों, उत्तर प्रदेश की मिट्टी और हर माता-पिता के सपनों की उड़ान है. आइए, जानते हैं इस प्रेरणादायक कहानी को, जो हर भारतीय के दिल में जोश और गर्व भर देती है.
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं. ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं. 1985 में लखनऊ में जन्मे शुभांशु के पास 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है. वे Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक जैसे विमानों को उड़ा चुके हैं. वे ISS पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे. 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय.

लखनऊ से अंतरिक्ष तक का सफर
शुभांशु शुक्ला का जन्म और परवरिश उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई. उनकी शुरुआती पढ़ाई सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में हुई, जहां से उन्होंने अपने सपनों की नींव रखी. मात्र 16 साल की उम्र में उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में हो गया. यह एक ऐसा मोड़ था, जिसने उनके जीवन को नई दिशा दी. NDA से भारतीय वायुसेना और फिर Axiom-4 मिशन तक, शुभांशु ने हर कदम पर मेहनत और लगन से भारत का नाम रोशन किया. आज वह NASA के इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जो न सिर्फ लखनऊ, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल है.
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पिता का गर्व, मां की प्रार्थना
शुभांशु के पिता, शंभू दयाल शुक्ला, अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व से फूले नहीं समा रहे. उनकी आवाज में खुशी और आश्चर्य दोनों झलकते हैं. वे कहते हैं, "हमें यकीन नहीं था कि हमारा बेटा इतना बड़ा काम करेगा. जब हमें पता चला कि वह अंतरिक्ष में जा रहा है, तो सपने जैसा लगा. प्रधानमंत्री मोदी जी से मिलना, गगनयान मिशन और अब Axiom-4—हम योगी जी और मोदी जी का दिल से धन्यवाद करते हैं."
शुभांशु की मां आशा शुक्ला की आंखों में गर्व के साथ-साथ ममता के आंसू भी हैं. वे बताती हैं, "मुझे हमेशा लगता था कि मेरा बेटा अंतरिक्ष में जाएगा. मैं थोड़ा ज्योतिष जानती हूं और मैंने कई बार शुभांशु से कहा कि तेरा सेलेक्शन होगा. वह हंसकर कहता था, ‘हर मां यही कहती है.’ आज वह सचमुच अंतरिक्ष जा रहा है और मुझे बहुत गर्व है."

NDA में चयन: एक दोस्त का तोहफा
शुभांशु का NDA में चयन भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं. उन्होंने खुद NDA का फॉर्म नहीं भरा था. एक दोस्त ने उनके लिए फॉर्म लाकर दिया, और बिना घरवालों को बताए शुभांशु ने उसे भर दिया. जब सिलेक्शन की खबर आई, तो सबसे पहले उसी दोस्त ने उनकी मां को बताया. यह छोटा सा संयोग आज शुभांशु को अंतरिक्ष तक ले गया. उनकी बहन, सुचि मिश्रा, भावुक होकर कहती हैं, "40 साल बाद एक भारतीय फिर अंतरिक्ष में जा रहा है. यह मेरे भाई की जीत है, हमारे परिवार की जीत है, और पूरे देश की जीत है."
सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शुभांशु को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, "प्रभु श्रीराम की धरती से अंतरिक्ष की ओर! उत्तर प्रदेश के लाल, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल को ऐतिहासिक #Axiom4 मिशन के लिए शुभकामनाएं!" यह संदेश न सिर्फ शुभांशु के लिए, बल्कि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखता है.
एक प्रेरणा, एक मिशन
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा सिर्फ एक अंतरिक्ष मिशन नहीं, बल्कि लाखों भारतीयों के लिए एक प्रेरणा है. लखनऊ की गलियों से निकलकर NASA के मिशन तक पहुंचने की उनकी कहानी बताती है कि अगर इरादे बुलंद हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. यह पल हर उस माता-पिता के लिए गर्व का है, जो अपने बच्चों के सपनों को पंख देना चाहते हैं. यह हर उस युवा के लिए सबक है, जो मेहनत और लगन से असंभव को संभव बनाना चाहता है.

भारत के नए अंतरिक्ष युग की शुरुआत
8 जून 2025 को जब शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर उड़ान भरेंगे, तो यह सिर्फ उनकी जीत नहीं होगी. यह भारत के नए अंतरिक्ष युग की शुरुआत होगी. यह हर भारतीय के दिल में जोश और गर्व का क्षण होगा. हमारी ओर से शुभांशु शुक्ला को ढेरों शुभकामनाएं. आपकी यह उड़ान न सिर्फ सितारों तक, बल्कि हर भारतीय के दिल तक पहुंचेगी.