
पिछले सप्ताह अपोलो हॉस्टिपल में ENT स्पेशलिस्ट डॉ कल्पना नागपाल ने लिंग्वल हेमेनजियोमा का सफल ऑपरेशन किया. इस सर्जरी की खास बात ये थी कि रोबॉटिक्स की मदद से ऑपरेशन को बेहद आसानी से पूरा किया गया.
आजतक से बात करते हुए डॉक्टर नागपाल ने बताया कि लिंग्वल हेमेनजियोमा वास्तव में कैंसर नहीं होता, इसमें जीभ में खून की गांठ बन जाती है. ज्यादातर मामलों में यह जन्म से होता है और इसकी सर्जरी काफी मुश्किल होती है. ऐसे क्लॉट के साधारण ऑपरेशन में खून काफी बहता है और वह मुश्किल भी होता है, मगर रोबोटिक्स उपकरणों की मदद से यह सर्जरी काफी आसान हो जाती है.

उन्होंने बताया कि इस पूरी सर्जरी में ब्लड लॉस 5cc से भी कम था जो साधारण ऑपरेशन की तुलना में न के बराबर रहा. रोबॉटिक्स के उपकरण लंबे होते हैं और इससे नीट डाइसेक्शन किए जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि इस तकनीक में सर्जरी एरिया को 3D विजन से देखा जा सकता है और एकदम सही डेप्थ का भी अनुमान लगाया जा सकता है. जूम-इन और जूम-आउट जैसी सुविधाएं भी रहती हैं जिससे ऐसी मुश्किल सर्जरी में काफी मदद मिलती है. इस तकनीक की मदद से थॉयराइड, थ्रोट कैंसर, टॉन्सिल कैंसर आदि की सर्जरी में भी मदद ली जा सकती है. जब कैंसर जीभ या मुंह के पिछले भाग में होता है तो साधारण तौर पर जबड़े को काटकर ट्यूमर तक पहुंचना पड़ता है मगर इस तकनीक की मदद से उसकी जरूरत नहीं पड़ती.
डॉक्टर नागपाल ने बताया कि टॉन्सिल या थॉयराइड की सर्जरी के लिए भी सिर के पीछे के भाग से सर्जरी की जा सकती है जिससे चेहरे या गले पर कोई निशान नहीं रहता. इस तरह इस तकनीक के कॉस्मेटिक एडवांटेज भी हैं.