ट्रंप प्रशासन को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. एक अमेरिकी फेडरेल जज ने ट्रंप प्रशासन के उस फैसले को रोक दिया है जिसमें अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हजारों इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के वीजा रद्द करने और उन्हें डिपोर्ट करने को कहा गया था. कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले के लिए यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज जेफरी व्हाइट ने ट्रंप प्रशासन के फैसले की निंदा की. इससे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स, खासकर इंडियन स्टू़डेंट्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
दरअसल, होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) में सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने एक लेटर जारी करते हुए बताया कि अमेरिकी सरकार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के कैंपस में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की जानकारी मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई. खासतौर पर कैंपस में फिलिस्तीन के समर्थन में लगातार प्रोटेस्ट और इजरायल के विरोध में माहौल से संबंधित रिकॉर्ड और ऑडियो-विजुअल्स. विभाग की ओर से यूनिवर्सिटी पर आरोप लगाया गया है कि इनमें कुछ विरोध प्रदर्शन में हमास समर्थक भावनाओं को बढ़ाया गया और इजरायल की आलोचना की गई. क्रिस्टी नोएम ने इसे 'नस्लवादी' और 'यहूदी छात्रों के प्रति शत्रुतापूर्ण' कहा है.
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इसके बाद अचानक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट और एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) के तहत सर्टिफिकेशन को रद्द कर दिया था. इससे यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दाखिला लेने का अधिकार छीन लिया जाता है, जो संस्थान की वैश्विक शैक्षणिक भागीदारी के लिए एक गंभीर झटका था.
फेडरेल जज ने 21 पन्नों की डिटेल्ड राय में फेडरेल अधिकारियों की आलोचना की, जिसमें कहा गया कि उनके कामों ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की कानूनी स्थिति पर 'समान रूप से कहर बरपाया है'. हालांकि कोर्ट ने हार्वर्ड के मामले सीधे तौर पर कोई फैसला नहीं सुनाया, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला प्रशासन की स्थिति को काफी कमजोर करता है.
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हार्वर्ड विश्वविद्यालय, जो 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए भारत से 788 सहित 10,000 से अधिक विदेश छात्र और स्कोलर्स ने DHS के आदेश का विरोध किया है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स ने भी अपने SEVP प्रमाणन को रद्द करने को "अवैध" करार दिया और चेतावनी दी कि यह उनके शैक्षणिक और शोध मिशन को कमजोर करता है.
ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ अक्सर टकराव की स्थिति बनी रहती है. प्रशासन ने हार्वर्ड को मांगे गए ऑडिया-विजुअल्स डॉक्यूमेंट्स तैयार करने और अन्य मांगों को पूरा करने के लिए 72 घंटे का समय दिया. विभाग के पास स्टूडेंट वीजा पर अधिकार क्षेत्र है और वह SEVP की देखरेख करता है. पहले भी कुछ संस्थानों को SEVP लिस्ट हटा दिया गया था.