अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 6800 विदेशी छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें करीब 788 इंडियन स्टूडेंट्स भी शामिल हैं. अब इन सबका भविष्य ट्रंप प्रशासन के सिर्फ एक फैसले से अधर में लटक गया है. दरअसल, ट्रम्प प्रशासन ने गुरुवार को हार्वर्ड विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स प्रोग्राम को बंद करने का निर्णय लिया है.
हालांकि, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सामने कुछ कंडीशन्स भी दिए गए हैं. अगर यूनिवर्सिटी इन शर्तों को तीन दिन यानी की 72 घंटे के अंदर मान लेता है, तो वहां पढ़ने वाले विदेशी छात्र-छात्राओं को राहत मिल सकती है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं ट्रंप प्रशासन की ये शर्तें?
ट्रंप प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के सामने रखी ये शर्तें
हार्वर्ड के कैंपस में "यहूदी विरोध" गतिविधियों को लेकर ट्रम्प प्रशासन ने जो कार्रवाई की है, उसके बाद विश्वविद्यालय के लिए विदेशी छात्रों को पुनः दाखिला देने का अवसर छोड़ा गया है, बशर्ते विश्वविद्यालय इन छह शर्तों को पूरा करते हुए कुछ रिकॉर्ड जमा कर दें.
1. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध वे सारे रिकॉर्ड, जो पिछले पांच साल में किसी विदेशी छात्र या छात्रा द्वारा परिसर के अंदर या बाहर आधिकारिक या अनौपचारिक रूप से की गई अवैध गतिविधि से संबंधित हो. इसमें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और ऑडियो या वीडियो फुटेज कुछ भी हो सकते हैं.
2. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध सभी रिकॉर्ड, जो पिछले पांच वर्षों में किसी विदेशी छात्र द्वारा परिसर के अंदर या बाहर की गई खतरनाक या हिंसक गतिविधि से संबंधित हो. इनमें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और ऑडियो या वीडियो फुटेज शामिल हो सकते हैं.
3. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध सभी रिकॉर्ड, जो पिछले पांच वर्षों में किसी गैर-आप्रवासी छात्र द्वारा परिसर के अंदर या बाहर अन्य छात्रों या विश्वविद्यालय कर्मियों को दी गई धमकियों संबंधित हो. इसमें कोई भी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और ऑडियो या वीडियो फुटेज शामिल हो सकते हैं.
4. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध सभी रिकॉर्ड, जो पिछले पांच वर्षों में नामांकित किसी विदेशी स्टूडेंट छात्र द्वारा परिसर में या बाहर अन्य सहपाठियों या विश्वविद्यालय कर्मियों के अधिकारों के हनन से संबंधित हो. इनमें इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख और ऑडियो या वीडियो फुटेज शामिल होंगे.
5. पिछले पांच वर्षों में एडमिशन लेने वाले सभी विदेशी छात्र-छात्राओं के सभी अनुशासनात्मक रिकॉर्ड.
6. पिछले पांच वर्षों में हार्वर्ड विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार के विरोध या आंदोलन में शामिल विदेशी छात्रों से संबंधित ऑडियो या वीडियो फुटेज.
कैंपस में चीन का दबदबा
कैंपस में यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है. क्रिस्टी नोएम के अनुसार हाल की रिपोर्टों और हार्वर्ड के चीनी सैन्य-संबंधित संस्थानों के साथ कथित संबंधों की नई कांग्रेस जांच का भी हवाला दिया. ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड को अपने परिसर में हिंसा, यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा देने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय करने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है.
पहले ही विश्वविद्यालय की रोक दी गई है फंडिंग
गुरुवार की घोषणा ऐसे समय में हुई है. जब विश्वविद्यालय पहले से ही रिसर्च फंड में भारी कटौती की समस्या से जूझ रहा था. हार्वर्ड के बारे में ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि वह परिसर में यहूदी विरोधी भावना और जातीय उत्पीड़न को दूर करने में वहां का प्रशासन विफल रहा है. हाल के हफ्तों में लगभग 3 बिलियन डॉलर के फेडरल अनुबंध और शोध अनुदान को रोक को भी दिया गया या समाप्त कर दिया गया है.
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6800 विदेशी छात्रों के लिए संकट
ऐसे में हार्वर्ड में पढ़ाई कर रहे हार्वर्ड में 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले 6793 विदेशी स्टूडेंट्स कुल छात्रों का 27% हैं. इनमें भारत के 788 और चीन के 2126 छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं.
यूनिवर्सिटी में बढ़ती ही जा रही है विदेशी छात्रों की संख्या
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के अनुसार यहां विदेशी छात्र-छात्राओं की संख्या में हर साल बढ़ोतरी हो रही है. मौजूदा वर्ष 2024-25 में जहां 6793 विदेशी स्टूडेंट्स के साथ ये आंकड़ा कुल एडमिशन का 27% है, वहीं 2023-24 में 6713 स्टूडेंट्स के साथ इनका प्रतिशत 26.8 था. वहीं बात 2006-07 की बात करें तो उस वक्त यहां 3941 विदेशी स्टूडेंट्स के साथ ये आंकड़ा कुल एडमिशन का 19% था, जो बढ़ते-बढ़ते 27 तक पहुंच गया है.