इस बार ठंड ने वक्त से पहले ही दस्तक दे दी है, लेकिन इससे भला उन नौजवानों के पैर क्या रुकेंगे जो पिछले 9 महीनों से अपने कैंपस में चहलकदमी के लिए बेताब थे. कैंपस के अंदर स्कॉलरशिप के लिए काउंटर पर छात्र-छात्राओं की भीड़ भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते देखी गई. आइए फोटो में देखें कैसा रहा पहला दिन.
उत्तर प्रदेश सरकार के आज 23 नवंबर से सूबे के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को खोले जाने के आदेश का असर सर्वविद्या की राजधानी वाराणसी में भी देखने को मिला. जहां एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय बीएचयू में पठन-पाठन की शुरुआत सिर्फ प्रायोगिक शोधार्थियों से शुरू हुई तो राजा हरिश्चंद्र के नाम से चर्चित कॉलेज श्री हरिशचंद्र पीजी कॉलेज में कोरोना के दिशा निर्देशों को ताक पर रखकर प्रवेशार्थियों, छात्रों और टीचर्स में बेफिक्री नजर आई.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि तकरीबन दो सौ से ढाई सौ छात्रों की पढ़ाई के साथ विश्वविद्यालय फिर से शुरू हो गया है, लेकिन यह छात्र प्रयोगशाला से संबंधित रिसर्च करने वाले ही छात्र हैं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों के मद्देनजर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय 23 से चरणबद्ध तरीके से खुला है. इस क्रम में पहले चरण में विज्ञान विषयों के पीएचडी के अंतिम वर्ष के छात्रों को उनके शोध कार्यो के लिए संबंधित विभागों/प्रयोगशालाओं में आने की अनुमति दी गई है.
इस संबंध में एसओपी के पालन और उनकी निगरानी के लिए कोर समितियों का गठन किया गया है. ये समितियां स्थिति की समीक्षा करती रहेंगी. स्थिति को देखते हुए ही अन्य विषयों के विभागों को खोलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा.
नियम के अनुसार प्रत्येक संकाय, एक कोर समिति का गठन करेगा जो, विश्वविद्यालय को पुनः खोलने के दौरान पालन के एसओपी बनाएगी और उनका प्रभावी क्रियान्वयन निगरानी सुनिश्चित करेगी. साथ ही साथ विभाग और छात्रावास स्तर पर भी समितियों का गठन किया जा रहा है.
दूसरी ओर वाराणसी के मैदागिन इलाके में स्थित हरिशचंद्र पीजी कॉलेज में कोरोना को लेकर चारों तरफ लापरवाही भरा नजारा देखने को मिला. कॉलेज में प्रवेश के वक्त ना तो छात्र-छात्राओं की थर्मल स्कैनर से स्कैनिंग की गई और ना ही सैनिटाइजेशन कराया जा रहा था. वहीं कैंपस के अंदर स्कॉलरशिप के लिए काउंटर पर छात्र-छात्राओं की भीड़ भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते देखी गई.
कुछ कॉलेज कैंपस में कई छात्र तो बिना मास्क के घूमते टहलते दिखे. कॉलेज में पढ़ाई भले ही नहीं शुरू हुई हो, लेकिन नए प्रवेश के लिए काउंसिलिंग में हजारों छात्र-छात्राएं क्लास में बगैर सोशल डिस्टेंसिंग के बैठे दिखे. वहीं काउंसिलिंग में शामिल टीचर्स भी एक दूसरे के नजदीक ही बैठे देखे गए.
स्कॉलरशिप के लिए भीड़ लगाए छात्र-छात्राओं से जब सोशल डिस्टेंसिंग ना मानने का सवाल किया गया तो वह बचते दिखे. वहीं कैंपस में हो रही कोरोना दिशा निर्देशों में हीलाहवाली के सवाल के जवाब में वाइस प्रिंसिपल पंकज सिंह की दलील थी कि सब कुछ दिशा निर्देशों के तहत ही हो रहा है और जो कुछ कमियां हैं उसे दुरुस्त कर लिया जाएगा.