अमेरिका में नौकरी करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रास्ता लगातार मुश्किल होता जा रहा है. एक तो पहले ही एच-1बी वीजा प्रोग्राम की फीस 1 लाख डॉलर कर दी गई है, जिससे कई लोगों के सपनों का पंख नहीं लग पा रहे. अब दूसरी मुश्किल ये आ गई है अमेरिका ने अपनी कई साल पुरानी लॉटरी प्रणाली को खत्म कर दिया है. अब यूएस की ओर से इसकी जगह सैलरी पर आधारिक मॉडल लागू कर दिया है, जिसमें आपकी सैलरी के हिसाब से वीजा पर फैसला लिया जाएगा. ऐसे में जानते हैं कि आखिर इस फैसले से क्या असर पड़ेगा और वीजा को लेकर नए नियम क्या हैं...
क्या है वीजा का लॉटरी सिस्टम?
बता दें कि कई सालों से अमेरिका के H-1 बी वीजा में लॉटरी सिस्टम था, इसमें लॉटरी के जरिए लोगों को वीजा के लिए चुना जाता था. H-1 B वीजा में एक तय संख्या होती है और उतने ही लोगों को वीजा दिया जाता है. इसमें एक यूएस मास्टर कोटा होता है और एक जनरल कोटा होता है. सबसे पहले अमेरिकी कंपनी USCIS की वेबसाइट पर उम्मीदवार का नाम रजिस्टर करती है. इसके बाद लॉटरी निकाली जाती है और वीजा के लिए कुछ लोगों का चयन किया जाता है. अगर लॉटरी में नाम नहीं निकला तो वीजा नहीं मिलता है.
लेकिन, 2026 फरवरी के बाद से एच-1बी वीजा लॉटरी के जरिए नहीं दिए जाएंगे. इसके बजाय, अधिक वेतन देने वाले आवेदकों के चयन की संभावना अधिक होगी. यानी सैलरी, काम के प्रोफाइल आदि पर वीजा का निर्धारण होगा. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने पुष्टि की है कि 27 फरवरी, 2026 से, एच-1बी लॉटरी को सैलरी बेस्ड सेलेक्शन प्रोसेस से रिप्लेस किया जाएगा. इसकी शुरुआत वित्तीय साल 2027 के कैप सीजन से होगी.
क्या असर होगा?
बता दें कि नया सिस्टम आने के बाद भी वीजा की संख्या में बदलाव नहीं होगा. नए सिस्टम में भी रेगुलर कैप में 65000 और एडवांस यूएस डिग्री धारकों के लिए 25000 लोगों को वीजा मिलेगा. एक्सपर्ट्स के अनुसार, नए नियम के तहत, ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों के लिए आवेदन करने वालों को वीजा मिलने की संभावना ज्यादा होगी, जबकि कम सैलरी वाली नौकरियों के लिए आवेदन स्वीकार तो किए जाएंगे, लेकिन उनके सफल होने की संभावना कम होगी.
हर साल 70 फीसदी से अधिक भारतीय नागरिकों को H-1B वीज़ा अप्रूवल मिल जाते हैं. लेकिन, नए सिस्टम से शुरुआती करियर के लिए अवसर पूरी तरह से बंद नहीं होंगे, लेकिन जो एक्सपीरियंस लोग हैं या जिनकी सैलरी ज्यादा है, उन्हें इसका फायदा ज्यादा होगा. कम सैलरी वाली नौकरियों में काम कर रहे उम्मीदवारों को भी मौका दिया जाएगा.
अभी तक कितना बदला सिस्टम?
लॉटरी सिस्टम बंद करने से पहले वीजा फीस को 100,000 अमेरिकी डॉलर तक कर दिया गया था. इसके साथ ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का प्रोसेस भी काफी भारी हो गया है. इसके साथ ही गोल्ड कार्ड वीजा के नियमों में भी काफी बदलाव किया गया है. बता दें कि ये बदलाव बताते हैं कि अमेरिका अब केवल कौशल के आधार पर ही चयन नहीं कर रहा है, बल्कि पैसो के आधार पर भी लोगों को चयन कर रहा है.