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TTE से OSD बने स्वप्निल... कई स्पेशल लीव के साथ स्पोर्ट्स जॉब में क्या-क्या मिलता है?

Swapnil Kusale job in Railway: स्वप्निल कुसाले को ओलंपिक मेडल जीतने के बाद रेलवे में प्रमोट कर दिया गया है और अब उन्हें रेलवे में ओएसडी स्पोर्ट्स बनाया गया है.

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शूटिंग में स्वप्निल कुसाले ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है.
शूटिंग में स्वप्निल कुसाले ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है.

ओलंपिक में स्वप्निल कुसाले ने भारत को एक और पदक दिलाया है. स्वप्निल के कांस्य पदक जीतने के बाद उन्हें रेलवे की नौकरी में टीटी से ओएसडी स्पोर्ट्स पद पर प्रमोट किया गया है. केंद्र सरकार की ओर से कई मेडल विनर या क्रिकेटर्स को स्पोर्ट्स कोटे में नौकरी दी गई है. मगर सवाल है कि क्या स्पोर्ट्स कोटे में नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों को कुछ खास सुविधाएं दी भी जाती हैं या फिर उन्हें नौकरी के साथ स्पोर्ट्स लाइफ को भी मैनेज करना होता है?

जैसा बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' में दिखाया गया था. तो जानते हैं स्पोर्ट्स कोटे में नौकरी पाने वाले लोगों के लिए जॉब के क्या नियम हैं...

क्या करना होता है डबल काम?

दरअसल, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को स्पोर्ट्स इवेंट्स, ट्रेंनिंग आदि के लिए पर्याप्त छुट्टी दी जाती है और उन्हें काम के लिए असिस्टेंट्स भी दिए जाते हैं. साथ ही कई और सुविधाएं भी दी जाती हैं ताकि एथलीट और खिलाड़ियों की स्पोर्ट्स लाइफ पर कुछ असर ना पड़े.

मिलती हैं स्पेशल लीव

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को हर साल 30 दिन की एक्स्ट्रा स्पेशल कैजुअल लीव दी जाती है. इसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, कोचिंग स्कीम, ऑल इंडिया कोचिंग, ट्रेनिंग स्कीम में हिस्सा लेने वाले स्टाफ को 30 दिन की एक्स्ट्रा छुट्टी दी जाती है. इंटर मिनिस्ट्रियल टूर्नामेंट के लिए 10 दिन की छुट्टी दी जाती है. 

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ऑफिस ना जाओ तो भी ड्यूटी होती है मार्क

अगर कर्मचारी किसी ऐसे इवेंट में हिस्सा लेने जा रहे हैं, जिसका नेशनल या इंटरनेशनल स्तर पर काफी महत्व है तो इस पीरियड के लिए खिलाड़ी जा सकते हैं और इतने दिन कर्मचारियों को ऑन ड्यूटी ही माना जाएगा और छुट्टी में एडजस्ट नहीं किया जाएगा. 

अलग से टीए-डीए भी मिलता है

अगर कोई कर्मचारी किसी इवेंट में  हिस्सा लेने जाते हैं तो उनके जाने के लिए विभाग की ओर से टीए-डीए भी दिया जाता है. इसका अमाउंट उनकी रैंक, इवेंट आदि के आधार पर तय होता है. कुछ इवेंट में ड्यूटी के साथ टीए,डीए दिया जाता है. 

इंक्रीमेंट पर भी पड़ता है असर

इतना ही कर्मचारियों को उनके इवेंट के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें इंक्रीमेंट या प्रमोशन भी दिया जाता है. जैसे कुछ खिलाड़ियों को बड़े अचीवमेंट के बाद प्रमोट कर दिया जाता है. खास बात ये है कि अगर कोई इंक्रीमेंट या प्रमोशन होता है तो वो रिटायरमेंट तक रहता है, ऐसा नहीं है कि कुछ दिनों के लिए खास इंक्रीमेंट दिया गया हो. 

इंक्रीमेंट के नियम कोच, टेक्निकल अधिकारी, मैनेजर, कोच डॉक्टर्स और अपांयर के अलग अलग हैं. साथ ही समय समय पर कई बोनस आदि भी खिलाड़ियों को दिया जाता है. 

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