Pravasi Bharatiya Divas 2023: प्रवासी भारतीय दिवस या NRI Day हर दो साल बाद 09 जनवरी को मनाया जाता है. पिछली बार कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के चलते यह दिन वर्चुअल मोड में मनाया गया था. करीब चार साल बाद प्रवासी भारतीय दिवस भव्य रूप से मनाया जा रहा है. जिसकी शुरुआत 08 जनवरी से शुरू हो चुकी है और 10 जनवरी को इसका समापन होगा. 09 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासी भारतीय दिवस के भव्य सम्मेलन में शिरकत करेंगे, जो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में होगा. शायद कम ही लोग जानते होंगे कि यह दिन महात्मा गांधी की याद में भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी जरूरी बातें.
क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस?
दरअसल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 09 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे थे और वापस आकर देश में आजादी की लौ जगाई थी. उनके वापस लौटने और स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत करने की याद में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. इस दिन उन भारतीयों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में विदेशों में विशेष उपलब्थि हासिल की है.
प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास
साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा की थी और 2003 में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया था. हालांकि इसकी संकल्पना लक्ष्मीमल सिंघवी समिति ने साल 1915 में ही की थी. साल 2015 में इसमें संशोधित किया गया और तब से हर दो साल बाद इस दिन को मनाया जाने लगा. कोरोना वायरस के चलते 2021 में इसे वर्चअल मोड में सेलिब्रेट किया गया था. इस साल 17वां प्रवासी भारतीय दिवस या एनआरआई दिवस मनाया जा रहा है.
प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की थीम
हर साल इस दिन को मनाने के लिए एक नई थीम चुनी जाती है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की आधिकारिक थीम "प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार (Diaspora: Reliable Partners for India's Progress in Amrit Kaal)" है. यह विषय देश के विकास में भारतीय प्रवासी के महत्व पर केंद्रित है.
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की खास वजहें