scorecardresearch
 

पाकिस्तान का एटम बम कहीं छीन न ले अमेरिका! जानिए 'लूज न्यूक्स' की कहानी

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तनाव गहराया है. ऐसे समय में जब पाकिस्तान आतंकवाद और अपनी नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है, तो वह एक ही पुराना राग अलापता है. वो है परमाणु हमले की धमकी. हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भारत के खिलाफ परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की बात कही.

Advertisement
X
पाकिस्तान की नस्र मिसाइलस जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम( Image Credit-Getty)
पाकिस्तान की नस्र मिसाइलस जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम( Image Credit-Getty)

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तनाव गहराया है. ऐसे समय में जब पाकिस्तान आतंकवाद और अपनी नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है, तो वह एक ही पुराना राग अलापता है. वो है परमाणु हमले की धमकी. हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भारत के खिलाफ परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की बात कही.

इससे पहले भी 2019 (पुलवामा हमले) के बाद पाकिस्तान इसी तरह की धमकी दे चुका है. पाकिस्तान के पास मौजूद परमाणु हथियार केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकते हैं. ऐसे में सवाल है क्या अमेरिका पाकिस्तान के परमाणु बम को छीन सकते हैं, या उसे नष्ट कर सकते हैं. आइये समझते हैं ऐसी संभावना क्यों है.

अमेरिका काफी समय से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को एक गंभीर खतरे के रूप में देखता आ रहा है. अमेरिका के मुताबिक, पाकिस्तान के परमाणु बम 'लूज़ न्यूक्स' की श्रेणी में आते हैं, जिनका गलत हाथों में लगने का खतरा हमेशा बना रहता है।

लूज न्यूक्स के क्या है मायने

'लूज़ न्यूक्स' (Loose Nukes) वह परमाणु हथियार होते हैं जो आतंकवादी संगठनों या अपराधियों के हाथ में जा सकते हैं, जिससे वैश्विक सुरक्षा को खतरा हो सकता है. यह शब्द सबसे पहले सोवियत यूनियन के परमाणु हथियारों के संदर्भ में इस्तेमाल हुआ था. सोवियत यूनियन के पतन से पहले, उसके पास 27,000 न्यूक्लियर हथियार थे, और इन हथियारों को बनाने के लिए पर्याप्त प्लूटोनियम और यूरेनियम भी उपलब्ध था.

Advertisement

सोवियत संघ के टूटने के बाद, इन हथियारों के गलत हाथों में पड़ने का खतरा बढ़ गया था, और रूस तथा अन्य सोवियत देशों में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और आर्थिक समस्याओं के चलते परमाणु वैज्ञानिकों को भी आसानी से पैसे के लालच में लाया जा सकता था.

पाकिस्तान में परमाणु सुरक्षा की चिंता

पाकिस्तान ने कुछ दशकों पहले परमाणु शक्ति हासिल की है, लेकिन इसके सुरक्षा ढांचे में कई खामियां हैं. पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं, जिनके लिए परमाणु हथियारों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के हाथों इन हथियारों के पड़ने से गंभीर नतीजे हो सकते हैं, जिससे दुनिया की सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है.

 

Image Credit-Getty

अमेरिका की नीति क्या है?

अमेरिका ने पाकिस्तान को उसकी परमाणु सुरक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए मदद देने का प्रस्ताव किया है, लेकिन उसने एक 'स्नैच एंड ग्रैब' प्लान भी तैयार किया है. इस प्लान के तहत, अगर कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का खतरा बढ़ जाए, तो अमेरिका उन हथियारों को 'छीन' सकता है.

Image Credit-Getty

 2011 में एनबीसी न्यूज़ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर पाकिस्तान में आंतरिक अस्थिरता फैलती है, आतंकवादी किसी परमाणु संयंत्र पर हमला करते हैं, या पाकिस्तान की भारत के साथ दुश्मनी गंभीर हो जाती है, तो अमेरिका का राष्ट्रपति इस 'स्नैच एंड ग्रैब' प्लान का इस्तेमाल कर सकता है.

Advertisement

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने इस 'स्नैच एंड ग्रैब' नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने 2011 में चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिका इस योजना को लागू करता है, तो दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है. परमाणु वैज्ञानिक परवेज हुडबॉय ने भी कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अमेरिकी नियंत्रण की कोशिश पूरी तरह से अव्यावहारिक और नासमझी होगी. उनका मानना है कि ये हथियार पहाड़ों, सुरंगों और सैन्य ठिकानों में छिपे हुए हैं, और अमेरिका द्वारा इन्हें छीनने की कोशिश जंग की वजह बन सकती है.

पाकिस्तान भले ही इस नीति का विरोध कर रहा हो, लेकिन अमेरिकी अधिकारी इसे अपनी सुरक्षा रणनीति में शामिल कर चुके हैं, जो किसी भी संकट के दौरान परमाणु हथियारों पर नियंत्रण के लिए तैयार है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement