scorecardresearch
 

पर्ल हार्बर: जापान का वो हमला, जिसका बदला लेने के लिए अमेरिका ने ली लाखों लोगों की जान!

7 दिसंबर 1941 की रविवार सुबह 7.48 बजे पर्ल हार्बर नौसैनिक अड्डे पर अचानक हमला हुआ. जापान के लड़ाकू जहाज ने अमेरिका के नौसेना ठिकाने पर करीब एक घंटा 15 मिनट तक बम बरसाए थे. इस हमले के बाद ही द्वितीय विश्व युद्ध से दूर अमेरिका ने मित्र देशों की ओर से मोर्चा संभाला था.

Advertisement
X
पर्ल हार्बर अटैक (Photos Source: Getty Image)
पर्ल हार्बर अटैक (Photos Source: Getty Image)

दुनिया के इतिहास में हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका का परमाणु हमला गहरी काली स्याही से लिखा हुआ है, जिसके निशान आज भी इन दोनों देशों की तकदीर पर दिखाई पड़ जाते हैं. अगस्त 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के इस एटॉमिक न्यूक्लर बम हमले ने करीब डेढ लाख लोगों की जान ले ली थी, जबकि लाखों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए थे. जापान पर अमेरिका का यह हमला इतना खतरनाक और भयावह था कि हमले के बाद लोग परमाणु विकिरण से जुड़ी बीमारियों के चलते मारे जा रहे थे. इस हमले को जापान पर अमेरिका का पलटवार या यूं कह लीजिए पर्ल हार्बर का बदला माना जाता है, जो 07 दिसंबर 1941 को जापान ने किया था.

एक घंटा 15 मिनट की ताबड़तौड़ बमबारी से तबाह हुआ पर्ल हार्बर
7 दिसंबर 1941 की रविवार सुबह 7.48 बजे पर्ल हार्बर नौसैनिक अड्डे पर अचानक हमला हुआ. जापान के लड़ाकू जहाज ने अमेरिका के नौसेना ठिकाने पर करीब एक घंटा 15 मिनट तक बमों की बारिश कर दी. अमेरिकी नौसेना अड्डे के साथ ईंधन टैंक को निशाना बनाया गया. 

जापान के इस हमले ने अमेरिका को गहरी चोट देने की कोशिश की.द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका की जमीन पर यह पहला हमला था. हमले में पर्ल हार्बर पर तैनात 2,500 अमरीकी सैनिक मारे गए थे, 8 जंगी जहाज, 112 नौकाएं और 164 लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए गए थे. 

...और द्वितीय विश्व युद्ध में कूदा अमेरिका
जापान के इस हमले से सभी हैरान थे. क्योंकि उस समय पूरी दुनिया तक द्वितीय विश्व युद्ध के साये में थी लेकिन अमेरिका इससे अलग था. इसके बाद अमेरिका सीधे तौर पर दूसरे विश्व युद्ध में शामिल हुआ और मित्र देशों की ओर से मोर्चा संभाला. पर्ल हार्बर अटैक के दौरान जापान के भी सौ से ज्यादा सैनिक मारे गए थे.

Advertisement

जापान ने अमेरिका पर क्यों किया था हमला?
दरअसल, इसके दो कारण माने जाते हैं पहला अमेरिका द्वारा जापान लगाए गए कुछ आर्थिक प्रतिबंध और दूसरा जापान का चीन के साथ बढ़ता तालमेल. जापान ने इन मुद्दों पर बात भी करनी चाही और  वॉशिंगटन में जापानी प्रतिनिधियों को भेजा था. अमेरिका के इन्हीं प्रतिबंधों से नाराज होकर जापान ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया था. हालांकि बाद में जापान को पर्ल हार्बर पर हमला करना काफी महंगा पड़ा और इसका खामियाजा हिरोशिमा और नागासाकी को चुकाना पड़ा.

 

Advertisement
Advertisement