Noida Twin Tower Demolition: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के ट्विन टावर्स रविवार दोपहर ध्वस्त कर दिए गए. नोएडा सेक्टर 93 में बने 103 मीटर ऊचे टावर्स को कुछ ही सेकेंड्स में गिरा दिया गया. महज 15 सेकेंड्स के अंदर ट्विन टावर को गिराने के लिए करीब 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.
नोएडा के ट्विन टावर में एक Tower 32 मंज़िल का था, जिसकी ऊंचाई लगभग 103 मीटर थी. वहीं,दूसरा Tower 30 मंज़िल का था, इसकी ऊंचाई 97 मीटर थी. इन दोनों ही Tower की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा थी. दोनों टावर के बीच की दूरी सिर्फ 9.88 मीटर थी.
नियम के मुताबिक, दो ऊंची इमारतों के बीच कम से कम 16 मीटर की दूरी होनी चाहिए लेकिन लापरवाही के चलते नोएडा के ट्विन टावर के निर्माण में इसका पालन नहीं किया गया. ऐसे में इसे जमींदोज करने के लिए खास तैयारी की गई. दोनों Towers के कॉलम में कुल 9 हज़ार 640 छेद किए गए. इसमें करीब 3800 किलोग्राम बारूद लगाया गया. दोनों टावर में प्राइमरी और सेंकडरी 36 ब्लास्ट फ्लोर तय किए गए, जिन पर ही विस्फोटक लगाया गया.
ट्विन टावर से पहले भी दुनिया में इससे बड़े और ऊंचे टावर गिराए जा चुके हैं. इस वीडियो में मीना प्लाजा, एएफई टावर सहित इतिहास की कई ऊंची इमारतों को जमींदोज होते देखा जा सकता है.
अबु धाबी के मीना प्लाजा को 2022 में बारूद के विस्फोट में उड़ाया गया था. अधूरा बनाने की वजह से मीना प्लाजा को ध्वस्त कर दिया गया था. जर्मनी के एफी टावर AfE Tower को साल 2014 में गिरा दिया गया था. इसकी ऊंचाई 116 मीटर थी. यह 38 मंजिला बिल्डिंग थी. इस 2 फरवरी 2014 को गिराया गया था.
ऊंची-ऊंची इमारतों को गिराने के लिए हर मंजिल पर विस्फोटक लगाए जाते हैं. टावर को मजबूती देने वाले खंभों पर बारूद लगाकर इमारतों को कुछ ही सेकेंड में ध्वस्त कर दिया जाता है. दुनिया में ऐसी कई बहुमंजिला इमारतें जमींदोज की जा चुकी हैं. देखिए कुछ ही सेकेंड में जमींदोज होती अलग-अलग 20 इमारतों के वीडियो....
बता दें कि ट्विन टावर भारत में विस्फोटक के जरिए ध्वस्त होने वाली सबसे ऊंची इमारत है. ट्विन टावर को गिराने वाले ब्लास्टर चेतन दत्ता के मुताबिक, इस डिमोलिशन में किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा.