Home Guards Raising Day 2022: होमगार्ड यूनिट को साल 1946 में बॉम्बे प्रांत में बनाया गया था. किसी भी अप्रिय स्थिति में नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेना, नौसेना, वायु सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अलावा, जुड़वां स्वैच्छिक संगठन नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षक को बनाया गया था. बताया जाता है कि 6 दिसंबर 1962 में चीन द्वारा भारत पर आक्रमण इसके स्थापना के पीछे एक वजह थी. इस महत्वपूर्ण दिवस को यूपी में 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादी ढांचे की घटना के कारण विभाग अपना स्थापना दिवस समारोह नहीं मनाता था. लेकिन अब फिर से इसे मनाने की शुरुआत की गई है.
हर साल 6 दिसंबर को पूरे देश में होमगार्ड संगठन के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 1946 में, मुंबई में सांप्रदायिक दंगों की उथल-पुथल के दौरान पुलिस के सहायक के रूप में प्रशासन की सहायता के लिये नागरिक स्वैच्छिक बल के रूप में ये संगठन बनाया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गृह रक्षक (होमगार्ड) टुकड़ी की स्थापना की गई थी. होमगार्ड को गृह मंत्रालय के अधीन राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों के होमगार्ड अधिनियम और नियमों के तहत बनाया गया था.
महज 2000 की सीमित संख्या से शुरू हुए होमगार्ड मंडली में आज करीब डेढ़ लाख से ज्यादा होमगार्ड के पद स्वीकृत हैं. इन होमगार्ड्स ने हर आड़े वक्त में कानून व्यवस्था से लेकर कोविड-19 के लिए ड्यूटी दी. होमगार्ड की कुल कंपनी की बात करें तो 785 ग्रामीण क्षेत्र में होमगार्ड कंपनी, 366 नगरी क्षेत्र में कंपनी और 60 महिला प्लाटून पूरे प्रदेश में स्थापित हैं.
बता दें कि आजादी के बाद इस संगठन को विस्तार नहीं दिया जा सका. लेकिन, 1962 के चीन युद्ध में एक बार फिर पुलिस को मददगारों की जरूरत महसूस हुई और 6 दिसंबर 1962 को गृह रक्षक संगठन का पुनर्गठन किया गया. तभी से होमगार्ड महकमा अपना 6 दिसंबर को स्थापना दिवस मनाने लगा.
लेकिन, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया गया तो पूरे देश का माहौल बिगड़ गया और इस तारीख के बाद होमगार्ड का स्थापना दिवस समारोह भी महक फर्ज अदायगी बनकर रह गया. मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने होमगार्ड महकमे में सुधार की कवायद शुरू की. आजादी के बाद से काम कर रहे हैं इस विभाग को पहली बार उसका अपना झंडा दिया गया.