मानव इतिहास ऐसी कहानियों से भरा पड़ा है, जब लोगों ने मौत को धोखा देने की तरकीब खोजने में अपनी पूरी जिंदगी खपा दी. हमेशा जिंदा रहने यानी अमरता को प्राप्त करने की ललक लोगों में सभ्यता के शुरुआत से रही है. ऐसे में नजर डालते हैं कुछ वैसी ऐतिहासिक तरकीबों और उपायों पर जिसके सहारे लोगों ने जुनून के हद तक जाकर अमर होने का प्रयास किया.
अभी तक दुनिया में कोई भी मौत को हराने में कामयाब नहीं हुआ है (या अगर वे कामयाब हुए भी हैं, तो उन्होंने अभी तक खुद को प्रकट नहीं किया है). लोगों ने खुद को अतिरिक्त वर्ष का जीवन देने या यहां तक कि अमरता प्राप्त करने के लिए असाधारण प्रयास किए हैं. इसके लिए तमाम अजीबोगरीब और तरीके लोगों ने सुझाए और उनका पालन किया गया.
लंबे समय से उम्र को रोकने की लोग कर रहे कोशिश
हिस्ट्री.कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, इलिनोइस विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान और जैव सांख्यिकी के प्रोफेसर एस जे ओल्शांस्की बताते हैं कि मैं एंटी-एजिंग मेडिसिन को दूसरा सबसे पुराना पेशा मानता हूं. लोग इसे लंबे समय से बेच रहे हैं. इतिहास में विभिन्न संस्कृतियों के लोगों ने लंबे समय तक या यहां तक कि हमेशा के लिए जीने (अमर होने) की कोशिश करने के लिए कई तरीकों से प्रयोग किए हैं?
नींद से बचने वाले मेसोपोटामिया के गिलगामेश की कहानी
प्राचीन मेसोपोटामियाई पौराणिक कथाओं के नायक गिलगामेश की कहानी, मृत्यु को चुनौती देने के प्रयासों से संबंधित सबसे शुरुआती कहानियों में से एक है. गिलगामेश के कारनामों का वर्णन पांच महाकाव्यों में किया गया है.
मेसोपोटामिया की पौराणिक कथाओं के मुताबिक, उरुक का राजा गिलगमेश मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले शख्स उटनापिश्तिम से मिला. गिलगमेश ने उससे अमर होने की तरकीब पूछी. उटनापिश्तिम ने बताया कि अमर बनने के योग्य खुद को साबित करने के लिए छह दिन और सात रात तक जागना पड़ेगा. दुर्भाग्य से गिलगामेश तुरंत ही सो गया.
अमरता की खोज में सबसे पुरानी है गिलगमेश की कहानी
इसके बाद उटनापिश्तिम ने गिलगामेश को बताया कि अमर होने का एक और उपाय है. समुद्र की गहराई में एक ऐसा पौधा है जो यौवन लौटा देता है.गिलगामेश ने उसे हासिल भी कर लिया, लेकिन जब वह तैर रहा था. तब एक सांप ने उस पौधे को चुरा लिया और पानी में गायब हो गया. गिलगामेश अमरता का रहस्य जाने बिना अपने घर उरुक लौट आया.
'Immortality: The Quest to Live Forever and How It Drives Civilization' के लेखक स्टीफन केव कहते हैं कि गिलगामेश से हमें यह सबक मिलता है कि हम कभी भी मृत्यु पर विजय प्राप्त नहीं कर पाएंगे. हमें इस बात को स्वीकार करना होगा और एक अच्छा जीवन जीने के बारे में सोचना होगा.
प्राचीन मिस्र की अमरता प्रदान करने वाली औषधियां
केव का कहना है कि प्राचीन मिस्र के शासक अमरता के प्रति पूरी तरह से जुनूनी थे.वे इस बात से आश्वस्त थे कि मृत्यु के बाद भी जीवन होता है और शरीरों को संरक्षित करने की आवश्यकता है ताकि वे आत्माओं के लिए निवास स्थान के रूप में कार्य कर सकें.
इसीलिए मिस्रवासियों ने शवों को ममी बनाने के साथ-साथ अपने राजाओं को दफनाने से जुड़े अनुष्ठानों, जैसे कि पिरामिडों के निर्माण पर बहुत अधिक समय, प्रयास और धन खर्च किया. केव का कहना है कि कुछ विद्वानों का तो यह भी अनुमान है कि मिस्र के सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत हिस्सा परलोक संबंधी उद्योग, ममीकरण और मंदिर निर्माण में खर्च हुआ.
हमेशा जिंदा रहने के लिए बनाई गई थी दवाईयां
केव का कहना है कि मिस्रवासियों ने भी दवाइयों और औषधियों के जरिए अपनी उम्र बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया. ममीकरण एक तरह से दूसरा विकल्प था.
केव कहते हैं कि ममीकरण से पहले, लोगों को जीवित रखने के लिए तरह-तरह की दवाइयां और औषधियां दी जाती थीं. पुराने ग्रंथों, चिकित्सा पत्रों और पपाइरस में आपको टूटी हुई टांग को ठीक करने के निर्देश मिलेंगे. फिर उसमें यह भी लिखा होगा कि अगर आप ऐसा करेंगे, तो आप हमेशा जीवित रहेंगे.यह एक प्राचीन जुनून था.