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'कदम मिलाकर चलना होगा...', युवाओं को मोटिवेट करती है अटल जी की ये कविता

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary 2023: भारत के दसवें प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था और उनका निधन 16 अगस्त 2018 को नई दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में हुआ था.

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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि आज
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि आज

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary 2023: महान कवि, बहुमुखी प्रतिभा के धनी और विराट व्यक्तित्व वाले अटल बिहारी वाजपेयी की आज पांचवी पु्ण्यतिथि है. देश आज अपने पूर्व प्रधानमंत्री को शत् शत् नमन कर रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य नेता 'सदैव अटल' पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे. वीवीआईपी ने 'अटलजी' को याद किया और पुष्प अर्पित किए. एक सुलझे राजनेता, प्रखर वक्ता और बेहतरीन कवि अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त  2018 को हुआ था. 93 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अंतिम सांस ली थी. वे भले ही अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके संदेश, भाषणा और कविताएं हमेशा उनके होने का एहसास कराती हैं. यहां पढ़ें उन्हीं में से एक कविता जिसका शीर्षक है 'कदम मिलाकर चलना होगा'

शीर्षक- कदम मिलाकर चलना होगा 
बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों से हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
 
हास्य-रुदन में, तूफानों में,
अमर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
 
उजियारे में, अंधकार में,
कल कछार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में, 
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को दलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।
 
सम्मुख फैला अमर ध्‍येय पथ,
प्रगति चिरन्तन कैसा इति अथ,
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
 
कुश कांटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वञ्चित यौवन,
नीरवता से मुखरित मधुवन,
पर-ह‍ति अर्पित अपना तन-मन,
जीवन को शत-शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा

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बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे. एक कवि और साहित्यकार के रूप में उनकी कविताएं और रचनाएं हों या बतौर प्रधानमंत्री पोखरण-2 और कारगिल युद्ध, उन्होंने हमेशा देश के युवाओं में जोश-जुनून भरा है. वे एक राष्ट्रनिर्माता थे, जिनका उद्देश्य भारत को विश्वशक्ति बनाना रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया और वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'उनके नेतृत्व से भारत को बहुत फायदा हुआ है. उन्होंने भारत की प्रगति को बढ़ावा देने और कई क्षेत्रों में इसे 21वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पीएम ने कहा, मैं भारत के 140 करोड़ लोगों की तरफ से अटल जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

 

 

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