10 सितंबर के दिन का इतिहास में बेहद खास स्थान है. आज ही के दिन इंडियन एयरलाइंस के एक विमान को अगवा कर लिया गया था और उसमें सवार सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को भारत-पाकिस्तान की मदद से सुरक्षित बचा लिया गया था. यह बात साल 1976 की है जब देश में इमरजेंसी को लेकर हंगामे हो रहे थे और उस वक्त इंडियन एयरलाइंस के बोइंग 737 विमान को सनसनीखेज तरीके से हाईजैक कर लिया गया था.
खास बात ये है कि इस दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सरकारों के तालमेल ने भी एक मिसाल कायम की थी. दरअसल 10 सितंबर को सुबह करीब साढ़े सात बजे दिल्ली के पालम हवाई अड्डे से इंडियन एयरलाइंस के बोइंग 737 विमान ने 77 यात्रियों के साथ मुंबई (तब बंबई) के लिए उड़ान भरी. मुंबई पहुंचने से पहले जहाज को जयपुर और औरंगाबाद रुकना था.
हालांकि टेक-ऑफ करने के एक कुछ ही मिनटों बाद दो अपहरणकर्ता कॉकपिट में आ गए और पायलट को पिस्तौल दिखाकर विमान का अपहरण कर लिया. अपहरणकर्ता विमान को लीबिया ले जाना चाहते थे, लेकिन पायलट और सह-पायलट ने ऑटो पायलट शुरू करके दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से संपर्क साधा और घटना की जानकारी दी.
बताया जाता है कि उस दौरान अपहरणकर्ता पायलट को लीबिया जाने के लिए कह रहे थे. हालांकि टीम ने पेट्रोल ना होने की बात कही और पायलट की समझदारी से विमान को लाहौर ले जाया गया, जबकि वो कराची जाने को कह रहे थे. उस दौरान भारत की सरकार ने पाकिस्तान सरकार को करके फोन करके क्रू के सदस्यों और यात्रियों की सुरक्षा की गुहार लगाई और पाकिस्तान ने मदद भी की.
पाकिस्तान ने विमान को जगह दी और रात होने के बहाने से विमान को रोके रखा. अपहरणकर्ताओं की खातिर जहाज में बढ़िया खाने का इंतजाम करवा दिया. दरअसल, पाकिस्तानी अधिकारियों ने खाने के साथ दिए पानी में नशीली दवाइयां मिला दी थीं जिसे पीकर अपहरणकर्ता बेहोश हो गए थे. बाद में अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया गया और बाद में विमान को भारत के लिए रवाना किया गया.
वहीं 7 जनवरी, 1977 को 41 साल पहले सभी अपहरणकर्ताओं को पाकिस्तान सरकार ने रिहा कर दिया था. बता दें, सभी पाकिस्तान में हिरासत में थे. वहीं पाकिस्तान के इस फैसले का विरोध भारत ने काफी किया. वहीं आज ये पता नहीं चल पाया है कि आखिर उन अपहरणकर्ताओं ने इंडियन एयरलाइंस के बोइंग 737 विमान क्यों हाईजैक किया था. उनका क्या मकसद था..