भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नारों की विशेष भूमिका है. स्वतंत्रता के लिए बोले गए हर नारे ने भारतीय क्रांतिकारियों में जान फूंक दी कि हर नारा अंग्रेजों के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ. यहां स्वतंत्रता संग्राम के समय के कुछ ऐसे ही नारों का जिक्र है:
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख वचन और नारे
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वचन और नारे |
नाम |
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इन्कलाब जिंदाबाद |
भगत सिंह |
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दिल्ली चलो |
सुभाष चंद्र बोस |
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करो या मरो |
महात्मा गांधी |
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जय हिंद |
सुभाष चंद्र बोस |
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पूर्ण स्वराज्य |
जवाहर लाल नेहरू |
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हिंदी, हिंदू, हिंदोस्तान |
भारतेंदु हरिश्चंद्र |
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वेदों की ओर लौटो |
दयानंद सरस्वती |
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आराम हराम है |
जवाहर लाल नेहरू |
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हे राम |
महात्मा गांधी |
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भारत छोड़ो |
महात्मा गांधी |
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जय जवान, जय किसान |
लाल बहादुर शास्त्री (1965 में, पाकिस्तान युद्ध के समय) |
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मारो फिरंगी को |
मंगल पांडे |
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जय जगत |
विनोबा भावे |
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कर मत दो |
सरदार वल्लभ भाई पटेल |
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संपूर्ण क्रांति |
जयप्रकाश नारायण |
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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा |
श्याम लाल गुप्ता पार्षद |
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वंदे मातरम् |
बंकिमचंद्र चटर्जी |
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जन-गण-मन अधिनायक जय हे |
रवींद्र नाथ टैगोर |
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साम्राज्यवाद का नाश हो |
भगत सिंह |
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स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है |
बाल गंगाधर तिलक |
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सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है Advertisement |
राम प्रसाद बिस्मिल |
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सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा |
अल्लामा इकबाल |
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तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा |
सुभाष चंद्र बोस |
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साइमन कमीशन वापस जाओ |
लाल लाजपत राय |
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हू लिव्स इफ इंडिया डाइज |
जवाहर लाल नेहरू |
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मेरे सिर पर लाठी का एक-एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा |
लाला लाजपत राय |
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मुसलमान मूर्ख थे, जो उन्होंने सुरक्षा की मांग की और हिंदू उनसे भी मूर्ख थे, जो उन्होंने उस मांग को ठुकरा दिया. |
अबुल कलाम आजाद |