उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में आ गई है. 2011 से शुरू हुई इस भर्ती प्रक्रिया में अड़चनें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं.
एक हिंदी दैनिक अखबार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से बिना टीईटी किए करीब 20 हजार लोगों को रखे जाने की शिकायत की गई है. जिसके जवाब में कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर जांच में यह बात सामने आई कि बिना टीईटी पास किसी कैडिडेट्स को नियुक्ति किया गया है तो पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द की जाएगी.
कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले की जांच कराई जाए कि ऐसे कितने लोग हैं जिन्हें बिना टीईटी के नियुक्ति दी गई. कोर्ट ने अब तक जॉइन कर चुके प्रशिक्षु शिक्षकों की लिस्ट को एक सप्ताह के अंदर ऑनलाइन करने के भी निर्देश दिए हैं. फिलहाल 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
आपको बता दें कि अब तक 54,146 प्रशिक्षु शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्ति दी जा चुकी है. साल 2011 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, तभी विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने की वजह से चयन नहीं हुआ. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के अनुसार 25 मार्च 2014 को टीईटी मेरिट के आधार पर प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई.