RRB NTPC CBT 1 Exam 2021: रेलवे में NTPC पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन एग्जाम जारी हैं. पहले चरण की परीक्षा कई फेज में आयोजित की जा रही है. परीक्षा लगभग 6 फेज़ में आयोजित की जाएगी जिसमें लगभर 1.3 करोड़ उम्मीदवार परीक्षा देंगे. शुरूआती फेज़ में जिन उम्मीदवारों ने परीक्षा दी है, उन्होंने एग्जाम पेपर को मॉडरेट डिफिकल्टी का बताया. शुरूआती छात्रों ने बताया कि पेपर हल करने में कोई ज्यादा समस्या नहीं आई. अब लगभग आधे से ज्यादा उम्मीदवारों के एग्जाम हो चुके हैं और बचे हुए उम्मीदवारों के लिए एग्जाम जारी हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे के फेज के छात्रों का पेपर ज्यादा डिफिकल्ट होने वाला है. आइये जानते हैं इसकी वजह.
रेलवे परीक्षाओं के लिए रीज़निंग की टीचर आकांक्षा यादव ने हमें बताया कि रेलवे की परीक्षाओं में बाद के फेज के पेपर हमेशा पहले से एकदम अलग तरीके के होते हैं. इस फेज में ऐसे कोई टॉपिक्स नहीं पूछे जाएंगे जो पहले फेज में पूछे गए थे. बाद में परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई अतिरिक्त लाभ न मिल सके, इसलिए परीक्षा मंडल शुरुआती पेपर आसान और बाद के पेपर मुश्किल सेट करते हैं. जो छात्र आगे के फेज़ में परीक्षा देंगे, उनके लिए पेपर का लेवल ज्यादा डिफिकल्ट होने वाला है जिसका अर्थ है कि मैथ्स ज्यादा कैलकुलेटिव और रीज़निंग ज्यादा टाइम टेकिंग होगी.
छात्रों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि सिलेबस के वो टॉपिक जो पहले फेज के पेपर्स में नहीं पूछे गए हैं, उनकी तैयारी ज्यादा करें. बचे हुए टॉपिक्स पर अब सवाल ज्यादा होंगे और ज्यादा मुश्किल भी होंगे. इसके अलावा छात्रों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सभी परीक्षाओं के आखिर में छात्रों का स्कोर नॉर्मलाइज़ेशन फॉर्मूला से तय किया जाएगा इसलिए हर पेपर में एक जैसा कट-ऑफ होना जरूरी नहीं है. अपने पेपर में अपना सर्वश्रेष्ठ करें और रिजल्ट की चिंता न करें.
Expected Cut-Off के सवाल पर उन्होंने कहा कि नंबर और अटेम्प्ट्स और आपका स्कोर दो अलग चीजें हैं. नॉर्मलाइजेशन के बाद स्कोर बदल जाता है और कट-ऑफ भी सभी फेज की परीक्षाओं के बाद तय किया जाता है. ऐसे में अपने नंबर ऑफ अटेम्प्ट्स से कोई अंदाजा न लगाएं. बहरहाल, RRB NTPC 2017 की परीक्षा में मेन्स का कट-ऑफ 100 में से 98 रहा था इसलिए इस बार भी नौकरी पाने की रेस आसान नहीं होने वाली है.