साल 2025 बदलावों का साल है. AI से लेकर टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहा है. बदलते दौर में AI, जलवायु परिवर्तन, नए नियम और काम सीखने के नए तरीके बेहद अहम और अगल नौकरियां बन गई हैं, जिनके बारे में पहले किसी ने नहीं सोचा था. खास बात तो ये है कि इन नौकरियों के सहारे लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं.
अगर आप भी अपने करियर की शुरुआत इन नौकरियों के साथ करना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं इन नौकरियों के बारे में. ये न केवल आर्थिक रूप से आपको मजबूत बनाएंगी बल्कि एक स्थिर और अच्छे भविष्य की दिशा में योगदान देंगे.
AI एथिक्स और गवर्नेंस एक्सपर्ट
जैसे-जैसे AI का इस्तेमाल बढ़ा है, वैसे-वैसे इससे जुड़ी समस्याएं भी सामने आने लगी हैं. साल 2024 के शुरुआत तक AI से जुड़े मुद्दे जैसे डेटा का गलत इस्तेमाल या कॉपीराइट से जुड़ी दिक्कते सिर्फ बोलने भर की थी, लेकिन अब सरकार और बड़ी कंपनियों ने AI के लिए नए नियम और कानून बनाए हैं, जिसके बाद से इनपर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा. इन बदलावों के साथ AI एथिक्स और गवर्नेंस एक्सपर्ट की भूमिका सामने आई है. ये इस बात पर ध्यान देते हैं कि AI सिस्टम सही, सुरक्षित और कानून के हिसाब से काम करें. ये टेक्नोलॉजी इसलिए जरूरी हो गई है ताकि AI किसी भी व्यक्ति या ग्रुप के साथ किसी तरह का भेदभाव न करें. वहीं, इस फील्ड में सैलरी की बात करें तो, आमतौर पर 1.5 से लेकर 3 लाख रुपये प्रति माह मिल सकता है.
क्लाइमेट रिस्क एनालिस्ट
पिछले कुछ सालों में तेज गर्मी की लहरें, भारी बारिश, बाढ़ और सप्लाई चेन में रुकावट जैसी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं. साल 2024 आते-आते क्लाइमेट रिस्क केवल सस्नेबिलिटी का मुद्दा नहीं बल्कि आर्थिक और वित्तीय जोखिम का कारण भी बन गया. ऐसे में क्लाइमेट रिस्क एनालिस्ट की भूमिका बेहद अहम हो गई . वहीं, अगर इस क्षेत्र में सैलरी की बात करें तो हर महीने लगभग 1 से 1.5 लाख रुपये मिलते हैं. इस क्षेत्र में बीमा कंपनियां, इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां, ESG कंसल्टिंग फर्म और बैंक बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी ऑफर कर रही हैं.
AI प्रोडक्ट मैनेजर
आजकल कंपनियां अपने काम को तेजी से करने के लिए AI का यूज कर रही हैं.पहले कंपनियों में प्रोडक्ट मैनेजर थे, जो यह देखते थे कि कोई ऐप या सॉफ्टवेयर कैसे बना या सही से काम कर रहा है या नहीं. लेकिन AI के चलते AI प्रोडक्ट मैनेजर की भूमिका बेहद अहम हो गई है. इनका काम होता है यह तय करना कि कहां और कैसे AI का यूज किया जाए. यह व्यक्ति इस बात का भी ध्यान देता है कि AI सही से काम कर रहा है या कोई गलत जवाब तो नहीं दे रहा. इसमें काम करने वाले लोगों को हर महीने 1.5 से 2.5 लाख रुपये की सैलरी दी जाती है.
प्रॉम्प्ट इंजीनियर
शुरुआत में प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग केवल एक साधारण सी स्किल थी, जो यह सुनिश्चित करती थी कि AI को सही जवाब देने के लिए सही तरीके से सवाल लिखना. लेकिन हाल के समय में यह पूरी नौकरी बन गई है. बड़ी कंपनियां प्रॉम्प्ट इंजीनियर को इसलिए हायर करते हैं ताकि वह AI का सही यूज कर कंपनी के कामों में मदद कर सकें. आज के समय में कंपनियां AI से तेजी से काम करवा रही हैं लेकिन अगर AI को गलत प्रॉम्प्ट मिल जाए तो बड़ा नुकसान हो सकता है.