कोरोना के लॉकडाउन में ज़िंदगी ठहर गई है, ज़िंदगी के तमाम कारोबार ठप हो गए हैं, लेकिन एक परिवार ऐसा भी है, जहां मौत का मातम ही ठहर गया है. परिवार के सदस्य जितेंद्र कुमार का हेडगेवार अस्पताल में 19 अप्रैल को ही निधन हो चुका है, लेकिन गम में डूबे परिवार को इस वक्त ये फ़िक्र सताए जा रही है कि अस्पताल उनका शव लौटा दे, ताकि उनका अंतिम संस्कार हो सके. हेडगेवार अस्पताल पिछले 11 दिन से कोरोना जांच के नाम पर शव देने में आनाकानी कर रहा है. देखिए ये दर्दनाक खबर जो कोरोना के कहर का एक नया पहलू दिखाएगी.