एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट शुरू करने की तैयारी में है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मस्क के बीच बढ़ता झगड़ा इस योजना पर असर डाल सकता है. भारत में स्टारलिंक को तीसरा लाइसेंस मिलने वाला है, लेकिन क्या यह विवाद सब कुछ बदल देगा?
स्टारलिंक का भारत में आगमन
5 जून 2025 को ग्वालियर में संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि भारत सरकार जल्द ही स्टारलिंक को तीसरा सैटेलाइट इंटरनेट लाइसेंस देगी. इसके बाद स्पेक्ट्रम आवंटन होगा, जिससे देश भर में तेजी से सैटेलाइट इंटरनेट शुरू हो सकेगा.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने शुरू की FC-31 स्टील्थ फाइटर जेट की तैनाती... भारत के लिए कितना खतरा?
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्टारलिंक को "टेलीकॉम के फूलों का नया गुलदस्ता" बताया, जो भारत की कनेक्टिविटी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा.
ट्रंप-मस्क का झगड़ा: क्या है मसला?
एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप पहले दोस्त थे, लेकिन अब उनके बीच खुला विवाद चल रहा है. इसका असर मस्क की कंपनियों पर पड़ रहा है.
6 जून 2025: ट्रंप ने मस्क की कंपनियों के फेडरल कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द करने की धमकी दी, जिससे टेस्ला के शेयर 14% गिरे और 150 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
यह भी पढ़ें: सूरज ने बनाया अजीब चेहरा... पांच बृहस्पति जितना बड़ा 'मुंह' और दो 'आंखें'
SpaceX पर खतरा: स्टारलिंक की मूल कंपनी SpaceX को भी अमेरिकी सरकार का समर्थन खोने का डर है.
मस्क का जवाब: मस्क ने SpaceX के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को बंद करने की बात कही, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया.
अमेरिकी विशेषज्ञ संजीव श्रीवास्तव ने इंडिया टुडे को बताया कि यह "दोस्त से दुश्मन" बनने की कहानी है. ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति मस्क के बिजनेस, खासकर चीन को नुकसान पहुंचा रही है. यह झगड़ा मस्क के भारत प्रोजेक्ट्स, जैसे स्टारलिंक पर भी असर डाल सकता है.
भारत के लिए स्टारलिंक क्यों जरूरी?
भारत में 1.4 बिलियन आबादी है, लेकिन केवल 950 मिलियन लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं. स्टारलिंक उन इलाकों में इंटरनेट ला सकता है, जहाँ पारंपरिक नेटवर्क नहीं हैं.
रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी से स्टारलिंक अपने उपकरण बेचेगा.
झगड़े का स्टारलिंक पर असर
भारत सरकार ने स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट दे दिया है, लेकिन अभी IN-SPACe और स्पेक्ट्रम आवंटन की मंजूरी बाकी है. ट्रंप-मस्क विवाद इसका रास्ता रोक सकता है.
खतरे
अमेरिकी समर्थन: अगर ट्रंप SpaceX से कॉन्ट्रैक्ट्स छीन लेते हैं, तो स्टारलिंक की फंडिंग और तकनीक पर असर पड़ सकता है.
भारत की निगरानी: भारत सरकार ट्रंप-मस्क झगड़े पर नजर रख रही है.
सुरक्षा चिंताएंः स्टारलिंक के डेटा प्राइवेसी और मिलिट्री यूज को लेकर भारत सतर्क है.
विशेषज्ञ की राय: संजीव श्रीवास्तव के अनुसार, यह विवाद स्टारलिंक की भारत योजनाओं में अड़चन डाल सकता है.
X पर पोस्ट्स में भी चिंता जताई गई कि ट्रंप का भारत विरोधी रवैया और मस्क से झगड़ा स्टारलिंक को प्रभावित कर सकता है.
यह भी पढ़ें: क्या ब्रह्मोस की कॉपी है ओरेश्निक मिसाइल, जिससे रूस ने यूक्रेन पर किया जवाबी हमला, एक बार में 6 जगह हमले में सक्षम
भारत की रणनीति
भारत स्टारलिंक को मौका दे रहा है, लेकिन सावधानी बरत रहा है.
संचार मंत्री सिंधिया ने कहा कि स्टारलिंक पारंपरिक नेटवर्क का विकल्प नहीं, बल्कि पूरक है. स्टारलिंक भारत के लिए एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है, जो गांवों और दूरदराज इलाकों में इंटरनेट लाएगा. लेकिन ट्रंप-मस्क झगड़ा इसकी रफ्तार धीमी कर सकता है. ट्रंप की टैरिफ नीति और मस्क के बिजनेस पर दबाव भारत की योजनाओं को प्रभावित कर सकता है. भारत सरकार सतर्क है और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए स्टारलिंक को मौका दे रही है.