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क्या पाकिस्तान की सुरक्षा कर पाएगा सऊदी अरब? कौन-कौन से हथियार हैं उसके पास

सऊदी अरब की सेना दुनिया में 24वें स्थान पर है, जिसमें F-15 जेट्स, M1A2 टैंक, पैट्रियट मिसाइलें और DF-21 मिसाइलें हैं. सऊदी पाकिस्तान को आर्थिक और सैन्य मदद देता है, जैसे तुर्की, लेकिन हथियार बिक्री कम है. 2025 में नए समझौते से सहयोग बढ़ेगा. सऊदी तुर्की जितना मददगार हो सकता है, खासकर ट्राइलेटरल डील में.

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सऊदी अरब के रियाध में खमिस मुश्यत मिलिट्री एयरबेस से टेकऑफ करते F-15 फाइटर जेट. (File Photo: AFP)
सऊदी अरब के रियाध में खमिस मुश्यत मिलिट्री एयरबेस से टेकऑफ करते F-15 फाइटर जेट. (File Photo: AFP)

सऊदी अरब मध्य पूर्व का एक शक्तिशाली देश है, जो तेल की कमाई से अपनी सेना को आधुनिक हथियारों से लैस रखता है. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP) 2025 के अनुसार, सऊदी अरब की सैन्य ताकत दुनिया में 24वें स्थान पर है. सऊदी की पूरी सैन्य ताकत, उसके हथियारों की सूची और पाकिस्तान के साथ सहयोग के बारे में बात करेंगे. हम देखेंगे कि क्या सऊदी पाकिस्तान के लिए तुर्की जितना उपयोगी साबित हो सकता है.

सऊदी अरब की सैन्य ताकत 

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP) 2025 में 145 देशों की सैन्य ताकत का मूल्यांकन 60 से ज्यादा कारकों से किया गया है, जैसे सैनिक संख्या, हथियार, वित्तीय स्थिति, भूगोल और लॉजिस्टिक्स. सऊदी अरब का पावर इंडेक्स (PwrIndx) स्कोर 0.4201 है (जितना कम, उतनी ज्यादा ताकत). सऊदी का सक्रिय सैन्य बजट दुनिया में टॉप 5 में है, जो GDP का लगभग 9% है. आइए, मुख्य आंकड़े देखें...

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Saudi Arab Pakistan Weapons

  • कुल सैनिक संख्या: 3.50 लाख (सक्रिय: 2.25 लाख; रिजर्व: 1.25लाख). कुल आबादी 3.53 करोड़. 

सेना (लैंड फोर्स): 2 लाख सक्रिय सैनिक 

  • टैंक: 1055 (315 M1A2 अब्राम्स, 450 M60A3, 290 AMX-30).
  • बख्तरबंद वाहन: 8200+ (400 M2 ब्रैडली IFV, 3000+ M113 APC, 570+ AMX-10P).
  • तोपखाने: 1100+ (110 सेल्फ-प्रोपेल्ड, 200+ टोन्ड, 60 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर).
  • एंटी-टैंक मिसाइल: 2000+
  • मोर्टार: 400

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वायुसेना (रॉयल सऊदी एयर फोर्स): 1000+ विमान

  • फाइटर जेट: 300+ (81 F-15SA, 72 यूरोफाइटर टाइफून, 81 टॉरनेडो IDS).
  • अटैक हेलीकॉप्टर: 12 (अपाचे AH-64).
  • ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर: 50+
  • एयर डिफेंस: 1000+ सरफेस-टू-एयर मिसाइल (पैट्रियट, THAAD सिस्टम).
  • कुल एयरक्राफ्ट: 1106 (जिनमें 349 फाइटर/इंटरसेप्टर).

नौसेना (रॉयल सऊदी नेवी): 34000 सैनिक

  • फ्रिगेट: 7
  • कोरवेट: 4
  • पैट्रोल वेसल: 59
  • माइन वारफेयर: 3
  • कुल नेवल एसेट्स: 90+

रणनीतिक मिसाइल फोर्स: 10 सरफेस-टू-सर्फेस मिसाइल (DF-21 चाइनीज बैलिस्टिक मिसाइलें).

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वित्तीय स्थिति: सैन्य बजट $75 बिलियन+ (दुनिया में सबसे ज्यादा आयातक). मुख्य सप्लायर्स: अमेरिका (F-15, पैट्रियट), ब्रिटेन (टाइफून), फ्रांस (AMX-30), चीन (मिसाइलें).

परमाणु क्षमता: कोई आधिकारिक परमाणु हथियार नहीं, लेकिन पाकिस्तान से सहयोग के संदेह में. GFP में इसे गैर-परमाणु देश माना गया.

सऊदी की ताकत आधुनिक हथियारों और अमेरिकी समर्थन से है, लेकिन संख्या में ईरान (रैंक 14) से पीछे है. GFP में मध्य पूर्व में यह तीसरा सबसे मजबूत (इजरायल और ईरान के बाद).

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सऊदी अरब के मुख्य हथियार: आर्सेनल की सूची

सऊदी अरब की सेना दुनिया की सबसे आधुनिक और महंगी हथियारों वाली सेनाओं में से एक है. 2025 में $142 बिलियन का अमेरिकी आर्म्स डील (मई 2025) से नई डिलीवरी हो रही हैं. मुख्य हथियार इस प्रकार हैं...

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टैंक और बख्तरबंद वाहन: M1A2 अब्राम्स (अमेरिकी, 315), M60A3 (450), AMX-30 (फ्रेंच, 290). IFV: M2 ब्रैडली (400), AMX-10P (570). APC: M113 (3,000+), अल-फहद (100, स्वदेशी).

तोपखाने और मिसाइल: M109 सेल्फ-प्रोपेल्ड गन (110), M270 MLRS (60). एंटी-टैंक: TOW मिसाइल (2,000+). सरफेस-टू-एयर: पैट्रियट PAC-3 (अमेरिकी), THAAD (नई डील में).

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वायुसेना हथियार: F-15SA स्ट्राइक ईगल (81, अमेरिकी), यूरोफाइटर टाइफून (72, ब्रिटिश-यूरोपीय), टॉरनेडो (81, इटालियन-ब्रिटिश). ड्रोन: MQ-9B रीपर (नई डील में). हेलीकॉप्टर: अपाचे AH-64 (12 अटैक), ब्लैक हॉक UH-60 (50 ट्रांसपोर्ट).

नौसेना हथियार: फ्रिगेट: अल-मदीनाह क्लास (4), साव-सिपेक (3). कोरवेट: अवाड (4). पैट्रोल बोट: 59. मिसाइल: हार्पून एंटी-शिप.

रणनीतिक हथियार: DF-21 बैलिस्टिक मिसाइल (चाइनीज, 10). स्मॉल आर्म्स: M16, AK-47, G3 राइफलें.

नई खरीदारी (2025): $142 बिलियन अमेरिकी डील में F-35 जेट्स (संभावित), C-130J ट्रांसपोर्ट, MQ-9B ड्रोन, THAAD मिसाइल डिफेंस और C4ISR (कमांड-कंट्रोल सिस्टम). लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, RTX जैसी कंपनियां शामिल.

ये हथियार मुख्य रूप से अमेरिका (70%), यूरोप और चीन से आते हैं. सऊदी दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है.

सऊदी अरब-पाकिस्तान सैन्य सहयोग: तुर्की जितना मददगार हो सकता है?

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच सैन्य संबंध 1960 से मजबूत हैं. सऊदी पाकिस्तान का सबसे करीबी मध्य पूर्वी सहयोगी है. लेकिन तुर्की का सहयोग अलग है- तुर्की ने पाकिस्तान को हथियार बेचे (जैसे MILGEM जहाज, T129 हेलीकॉप्टर), संयुक्त उत्पादन (SIPRI) और कश्मीर पर राजनीतिक समर्थन दिया. 2023-2024 में तुर्की-पाकिस्तान-सऊदी ट्राइलेटरल डिफेंस कोलेबोरेशन शुरू हुआ. क्या सऊदी तुर्की जितना मददगार हो सकता है? आइए देखें...

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सऊदी-पाकिस्तान सहयोग

इतिहास: 1967 में डिफेंस प्रोटोकॉल साइन. 1982 में नया समझौता, जिसमें पाकिस्तानी सैनिक सऊदी में तैनात हुए (1980-90 में 15,000-20,000). यमन युद्ध (2015) में पाकिस्तानी सलाहकार. 2025 में सितंबर में 'स्ट्रेटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' साइन, जो आर्थिक, सैन्य और खुफिया सहयोग बढ़ाएगा.

हथियार और ट्रेनिंग: सऊदी पाकिस्तानी अधिकारियों को ट्रेनिंग देता है. पाकिस्तान सऊदी को सैन्य सलाहकार और ट्रेनिंग देता है.
संयुक्त अभ्यास: 'अल-समसम' (2015 से). सऊदी ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद ($5 बिलियन+ कर्ज) दी, जो सैन्य खरीदारी में मदद करता है.

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परमाणु संदेह: सऊदी ने पाकिस्तान से परमाणु हथियार लेने का दावा किया गया (अफवाहें), लेकिन कोई पुष्टि नहीं. 

2023 में रियाद में ट्राइलेटरल मीटिंग, जहां R&D, तकनीक ट्रांसफर और संसाधन साझा करने पर सहमति. सऊदी पाकिस्तान को तेल सस्ता बेचता है, जो अर्थव्यवस्था मजबूत करता है.

तुर्की-पाकिस्तान सहयोग की तुलना

  • तुर्की ने पाकिस्तान को आधुनिक हथियार दिए: MILGEM कोरवेट जहाज (4 ऑर्डर), T129 ATAK हेलीकॉप्टर, Bayraktar TB2 ड्रोन.
  • संयुक्त उत्पादन: Super Mushshak ट्रेनर.
  • राजनीतिक: कश्मीर पर UN में समर्थन. 2024 में हाई लेवल मिलिट्री डायलॉग ग्रुप. सऊदी का सहयोग ज्यादा आर्थिक और ट्रेनिंग पर है, हथियार बिक्री कम. लेकिन 2025 डील से सऊदी पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष मदद (ट्राइलेटरल में) दे सकता है. तुर्की की तरह सऊदी भी पाकिस्तान को हथियार दे सकता है. अगर ईरान या यमन जैसे खतरे बढ़ें.

क्या सऊदी तुर्की जितना मददगार?

हां, लेकिन अलग तरीके से. तुर्की तकनीकी ट्रांसफर देता है (स्वदेशी हथियार), सऊदी आर्थिक और सैन्य तैनाती में. ट्राइलेटरल फ्रेमवर्क से सऊदी पाकिस्तान को और मदद दे सकता है, जैसे संयुक्त R&D. लेकिन तुर्की की तरह राजनीतिक (कश्मीर) समर्थन कम है. कुल मिलाकर, सऊदी पाकिस्तान का 'बड़ा भाई' है, जो जरूरत पर तुर्की जितना या ज्यादा मदद कर सकता है.

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