ड्यूटी पर सोना मना है. लेकिन फिर जब 'आज तक' ने यूपी पुलिस की इस नींद की असलीयत टटोली तो अहसास हुआ कि ये सोएं नहीं तो क्या करें? 12 घंटे की जगह 24-24 घंटे ड्यूटी, छुट्टियों का अता-पता नहीं, सुविधा, घर-परिवार, त्योहार से कोसों दूर. एके-47 का लाठी से मुकाबला और साइकिल पर मुजरिमों का पीछा करना. क्या कभी किसी ने सोचा है कि खाकी वर्दी के पीछे भी तो वही हाड़-मांस का इंसान है. वही इंसान जिसे भूख भी लगती है और प्यास भी, जिसे नींद भी आती है और जो बीमार भी पड़ सकता है.
कैमरे में सोते हुए कैद हुए थे पुलिसवाले
दरअसल सड़क पर चारपाई बिछाकर या चौकी थाने में कुर्सी टेबुल पर यूं इन्हें सोने का शौक नहीं है. ये लोग कोई कुंभकरण नहीं है, बल्कि ये इनके इंसान होने की मजबूरी है. अब इंसान हैं तो नींद तो आएगी ना. वर्दी बेशक ना थके पर वर्दी के अंदर का शरीर तो थकेगा ना. 24-24 घंटे तक लगातार बिना आराम किए ड्यूटी बजाना पड़ता है. 'आज तक' ने यूपी के कई पुलिसवालों को ड्यूटी पर सोते हुए दिखाया, सोते क्या खर्राटे मारते दिखाया, इस पर खूब हंगामा बरपा हुआ. लोगों ने यूपी पुलिस का खूब मजाक उड़ाया, यहां तक कि राज्य के पुलिस मुखिया ने आनन-फानन में कह डाला कि जो सो रहे थे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
यूपी में सिपाहियों के 41 हजार पद खाली
राज्य की 70 फीसदी पुलिस बीमार है, मानसिक तनाव की शिकार है. छुट्टियां नहीं, सुविधा नहीं, पैसे नहीं, दस-दस पुलिसवालों की ड्यूटी एक अकेला कर रहा है. थाना इंचार्ज तो पूरे साल 24 घंटे की ड्यूटी पर होता है.
राज्य के पचास हजार सिपाही की ड्यूटी सिर्फ नौ हजार पूरी कर रहे हैं, क्योंकि सिपाहियों के 41 हजार पद खाली हैं. देश में पुलिस ही शायद इकलौती ऐसी फोर्स है जो सबसे ज्यादा निशाने पर रहती है. ऐसा नहीं है कि आर्मी या पैरामिलिट्री फोर्स पर कभी कोताही, कामचोरी, करप्शन या दूसरी तरह के इलजाम नहीं लगे हों. लेकिन उनके कामकाज को सीधे देशभक्ति और वीरता की नजर से देखा जाता है, जबकि देश की सीमा के अंदर सुरक्षा की जिम्मेदार पुलिस के अच्छे कामों को भी ये कहकर नजरंदाज कर दिया जाता है कि ये तो उनका काम है.
एक लाख लोगों पर महज 67 पुलिसवाले
आबादी के लिए लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है. राज्य की कुल जनसंख्या 20 करोड़ है, जबकि इतनी बड़ी आबादी वाले राज्य में पुलिसवालों की तादाद सिर्फ ढाई लाख है. संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतरराष्ट्रीय मापदंड की बात करें तो किसी भी देश में एक लाख लोगों पर कम से कम 222 पुलिसवाले तो होने ही चाहिए. जाहिर है यूपी में ऐसा नहीं है, वैसे खुद यूपी शासन ने अपने सूबे के लिए 222 की जगह 1 लाख लोगों पर कम से कम 158 पुलिसवालों के होने का मापदंड तैयार कर रखा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूबे में 1 लाख लोगों पर पर सिर्फ 67 पुलिसवाले हैं. बल्कि इनमें बहुत से ऐसे भी हैं जो वीआईपी ड्यूटी, इनवेस्टिगेशन, अदालती कार्रवाई, रिजर्व फोर्स और खुफिया विभाग जैसी इकाइयों में लगे हैं.