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UP: दर्ज था युवक की गुमशुदगी का केस, पुलिस ने करवा दिया अंतिम संस्कार

बीती 9 जुलाई की रात वह टहलने के लिए घर से निकला था. काफी वक्त बीत जाने के बाद भी वह वापस नहीं लौटा. अगले दिन यानी 10 जुलाई को परिजनों ने पुलिस में मनदीप की गुमशुदगी की शिकायत की.

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पिटाई की वजह से मनदीप की मौत हो गई
पिटाई की वजह से मनदीप की मौत हो गई

एक बार फिर यूपी पुलिस की हैरान करने वाली लापरवाही का पर्दाफाश हुआ है. दरअसल साहिबाबाद थाना पुलिस एक युवक की गुमशुदगी का केस दर्ज करती है. अगले दिन पुलिस चोरी के आरोप में युवक को पकड़ती है, उसे पीटती है. युवक की मौत हो जाती है और पुलिस बिना उसकी शिनाख्त किए उसका अंतिम संस्कार करवा देती है. बाद में पुलिस को पता चलता है कि यह लाश उसी युवक की है, जिसकी एक दिन पहले उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी.

मृतक मनदीप सिंह नेगी (24) साहिबाबाद इलाके का रहने वाला था. मनदीप के परिजनों के अनुसार, बीती 9 जुलाई की रात वह टहलने के लिए घर से निकला था. काफी वक्त बीत जाने के बाद भी वह वापस नहीं लौटा. अगले दिन यानी 10 जुलाई को परिजनों ने पुलिस में मनदीप की गुमशुदगी की शिकायत की.

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12 जुलाई को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई. परिजन पुलिस से मनदीप को ढूंढने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. परिजनों के मुताबिक, पुलिस ने मनदीप को 9 जुलाई को ही चोर समझकर पकड़ लिया था. जिसके बाद मनदीप की थाने में बेरहमी से पिटाई की गई.

पिटाई भी ऐसी कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अस्पताल में मनदीप की मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने मनदीप के परिजनों से संपर्क करना मुनासिब नहीं समझा और लाश का अंतिम संस्कार करवा दिया. अंतिम संस्कार के एक दिन बाद यानी 14 जुलाई को पुलिस ने मनदीप के पिता को थाने बुलाया.

पुलिस ने थाने में मनदीप के पिता को उसकी फोटो दिखाकर पहचान कराई. पहचान होते ही पुलिस ने अपनी लापरवाही की कहानी उसके पिता को बता दी. पिता ने जब इस बात का विरोध किया तो पुलिस ने उन्हें डरा-धमकाकर घर भेज दिया. मीडिया में मामला सामने आते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. पुलिस के आला अधिकारी जांच की बात कहते हुए फिलहाल इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

 

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