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उन्नाव गैंगरेपः केस पूर्व SP नेहा पांडे से CBI ने की पूछताछ

उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच कर रही सीबीआई की 3 सदस्यों वाली टीम ने उन्नाव की तत्कालीन एसपी नेहा पांडे से लखनऊ में पूछताछ की. नेहा पांडे के कार्यकाल के दौरान ही पीड़िता ने पहली बार विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस से रेप की शिकायत की थी.

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हाई कोेर्ट ने उन्नाव गैंगरेप मामले में कड़ा रुख अपनाया है
हाई कोेर्ट ने उन्नाव गैंगरेप मामले में कड़ा रुख अपनाया है

उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच कर रही सीबीआई की 3 सदस्यों वाली टीम ने उन्नाव की तत्कालीन एसपी नेहा पांडे से लखनऊ में पूछताछ की. नेहा पांडे के कार्यकाल के दौरान ही पीड़िता ने पहली बार विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस से रेप की शिकायत की थी.

उन्नाव गैंगरेप केस की जांच में जुटी सीबीआई इस मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है. कई लोग गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं. इसी सिलसिले में अब सीबीआई ने दिल्ली में उन्नाव की पूर्व एसपी नेहा पांडे से इस गैंगरेप के बारे में पूछताछ की. पूछताछ करने वाली टीम में तीन अधिकारी शामिल थे.

आरोप है कि पूर्व एसपी ने पीड़िता की गुहार के बावजूद विधायक के खिलाफ एफआईआर नहीं लिखी थी. सीबीआई की टीम ने पीड़िता की उम्र में हेर-फेर को लेकर रेडियोलॉजिस्ट से भी पूछताछ की. नेहा पांडे फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में हैं. उनकी तैनाती इस वक्त आईबी में है.

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बताते चलें कि सीबीआई की जांच में कुलदीप सिंह सेंगर के कई और सहयोगियों के नाम उजागर हुए हैं. इसके बाद से केंद्रीय जांच एजेंसी ने विधायक सेंगर के सहयोगियों से पूछताछ करने के साथ ही मामले की पड़ताल को विस्तार दिया है.

इससे पहले 30 मई को हाईकोर्ट में इस मामले की स्टेट्स रिपोर्ट भी पेश की गई थी. जिसके लिए सीबीआई ने इस मामले में दर्ज मुकदमों में अधिक से अधिक तथ्य जुटाए थे. इसी कड़ी में जांच एजेंसी ने पीड़ित लड़की के चाचा से जून 2017 से अब तक के पूरे घटनाक्रम की लिखित जानकारी भी मांगी थी.

गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने उन्नाव की पूर्व पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि देवी से भी छह घंटे पूछताछ की थी. उस वक्त पुष्पांजलि ने बताया था कि उनको मामले की पूरी जानकारी नहीं थी.

ये है पूरा मामला

गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.

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पीड़िता ने कहा, 'मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए. पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.'

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