आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में हिंसा की 20 घटनाओं में शामिल एक कमांडर सहित तीन महिला नक्सलियों ने विशाखापट्टनम जिला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
नक्सली महिलाओं ने विशाखापट्टनम के पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के कार्यालय में आकर उनके समक्ष आत्मसमर्पण किया. पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में आंध्र-ओड़िशा सीमा के मध्य क्षेत्र कमान की कमांडर लक्ष्मी उर्फ सरिता, क्षेत्रीय समिति की सदस्य बी रामुल्लम्मा उर्फ भारती एवं दलम सदस्य टी थम्मू उर्फ विजया शामिल हैं.
श्यागेड्डा गांव निवासी लक्ष्मी के सिर पर चार लाख रूपये का पुरस्कार था. वह 2000 में माओवादी अभियान में जुड़ी थी. वह हिंसा की 20 से अधिक घटनाओं में संलिप्त रही है. इस दौरान हत्या और पुलिस थानों पर हमला करने की वारदात भी शामिल थीं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुछ मामले ओड़िशा एवं छत्तीसगढ़ में भी दर्ज किये गए हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि लक्ष्मी को मध्य क्षेत्रीय कमान की पहली महिला कमांडर के रूप में पदोन्नत किया गया है. वह कमांडरों को प्रशिक्षित करती थी. रामुल्लम्मा के सिर पर भी चार लाख रूपये का इनाम था.
एसपी शर्मा ने बताया कि थुम्मू के सिर पर एक लाख रूपये का इनाम था. उनके आत्मसमर्पण के पीछे स्वास्थ्य और नेतृत्व से मतभेद प्रथम दृष्टया एक कारण हो सकता है.