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राजस्‍थान : सरिस्का के गायब टाइगर की गुत्थी सुलझी, शिकारी गिरफ्तार

राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में गत फरवरी से लापता टाइगर मामले की गुत्थी सुलझ गई है.  

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सरिस्का के गायब टाइगर की गुत्थी सुलझी
सरिस्का के गायब टाइगर की गुत्थी सुलझी

राजस्थान के अलवर स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व की बाघों को आबाद करने की कवायद को एक बड़ा झटका लगा है. सरिस्का के बाघ ST-5 के शिकार का खुलासा हुआ है.

दरअसल,  सरिस्का से पकड़े गए एक शिकारी सैफुद्दीन ने पूछताछ के दौरान यह बताया है कि उसने अपने चार साथियों के साथ इसी साल 25 फरवरी को सालोका चौकी इलाके में बंदूक से बाघ का शिकार किया था. बता दें कि करीब 8 महीने की जांच के बाद हाल ही में वन विभाग ने सरफुद्दीन को सरिस्का के भटौली गांव से गिरफ्तार किया है.

सरफुद्दीन ने बताया कि उसने बाघ को मारकर खाल और दांत गुड़गांव के तस्करों को बेच दिया है. वहीं बाघ की एक दांत का ताबीज बनाकर खुद पहन लिया. सरफुद्दीन के मुताबिक एक तांत्रिक ने बताया था कि बाघ के दांत पहनने से उसका संतान होगा.

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तलाश फरवरी 2018 से ही चल रही थी

बाघ ST-5 की तलाश फरवरी 2018 से ही चल रही थी. उसके गले में लगे रेडियो कॉलर का सिग्नल मिलना बंद हो गया था. बता दें कि इससे पहले ST-11 की भी शिकारियों ने फंदे में फंसा कर शिकार किया था. इसके बाद सरिस्का प्रशासन ने रेंज में तैनात अफसरों का ट्रांसफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया और बाघों की मॉनिटरिंग करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने वन संरक्षक को क्लीन चिट दे दी. वहीं सरिस्का में अक्टूबर 2017 में एसटी 6 पर भी जहरीला पाउडर डालकर मारने की कोशिश की गई थी.

करीब 20 साल पहले सरिस्का में 100 से ज्यादा बाघ हुआ करते थे लेकिन धीरे-धीरे सभी शिकारियों के शिकार बन गए. संसार चंद जैसे कुख्यात टाइगर तस्करों ने सरिस्का को बाघ विहीन कर दिया. तब जमकर बवाल मचा था और तात्कालिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद इसको संज्ञान में लिया था. इसके बाद रणथंभौर से बाघ को यहां पर शिफ्ट करने का सिलसिला शुरू हुआ.

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