उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कुछ युवकों ने पड़ोस में रहने वाली लड़की को उसके घर में घुसकर जिंदा आग के हवाले कर दिया. लड़की आग से 75 प्रतिशत जल गई. वो 17 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ती रही लेकिन मौत ने उसे हरा दिया. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
दिल दहला देने वाली यह वारदात मेरठ के सरधना कस्बे की है. जहां वारदात 17 अगस्त के दिन लड़की अपने घर में थी. अचानक सुबह करीब 9 बजे उनके पड़ोस में रहने वाले कुछ लड़के उनके घर मे घुस आए और घर में मौजूद महिलाओं के सामने ही लड़की पर केरोसिन डालकर आग लगा दी और मौके से फरार हो गए.
75 प्रतिशत जल जाने की वजह से लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां 17 दिन बाद आखिरकार उसने दम तोड़ दिया. वो लड़की 10वीं क्लास में पढ़ती थी. लड़की के पिता के मुताबिक उनके पड़ोस में रहने वाले कुछ मनचले उनकी बेटी को काफी परेशान करते थे.
16 अगस्त को आरोपियों ने उनकी बेटी को ट्यूशन से घर लौटते वक्त जबरन एक मोबाइल फोन दिया था. आरोपियों ने लड़की से कहा था कि अगर उसने फ़ोन नहीं उठाया तो उसके मां बाप को जान से मार दिया जाएगा. पिता के मुताबिक इस बारे में जब मुख्य आरोपी के घर जाकर उसकी शिकायत भी की गई थी.
तब आरोपी के घरवालों ने माफी मांग ली थी और कहा था कि अब ऐसा नहीं होगा. लेकिन इसके बाद आरोपी के पिता सहित कुछ लड़कों ने घर मे घुसकर उनकी बेटी के ऊपर केरोसिन छिड़का और आग लगा दी. जिससे लड़की 75 फीसदी तक झुलस गई.
पुलिस ने मृतका के पिता की शिकायत पर रोहित, राजवंश, आरोपी के पिता डॉक्टर बागड़ी, दीपक और गजराज को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि छठा आरोपी अमन फरार है. पुलिस ने लड़की के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. लेकिन इस वारदात ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यूपी में मनचले बेखौफ हैं. उन्हें ना कानून का डर है और ना सरकार का.