उत्तर प्रदेश में आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित होने वाले एक दर्जन से ज्यादा नौजवानों पर यूपी एटीएस की कड़ी नजर है. इनमें से 12 लड़के अभी अपने घरों पर हैं जबकि चार को संदिग्ध पाए जाने पर गिरफ्तार किया जा चुका है. वे चारों इस वक्त जेल में बंद हैं.
उत्तर प्रदेश के कई नौजवानों को सोशल मीडिया के जरिए जेहाद की तरफ ले जाने की कोशिश को जांच ऐजेंसियों ने बेनकाब कर दिया है. ऐसे ही पिछले साल एक बड़े माड्यूल का खुलासा भी किया गया था. तभी से उत्तर प्रदेश में रहने वाले तकरीबन 16 लड़कों पर एटीएस की कड़ी नजर है. जिनमें से संदिग्ध पाए गए 4 लड़कों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. जबकि 12 युवक अपने घरों पर हैं.
इस बात की जानकारी यूपी एटीएस के आईजी असीम अरूण ने आजतक से एक खास बातचीत में दी. इस एक्सक्लूसिव बातचीत में आईजी असीम अरुण ने बताया कि संदिग्ध पाए गए सभी 16 लड़कों को डी-रेडिकलाइज किया जा रहा है. उनसे बातचीत की जा रही है. जो चार लड़के जेल में बंद हैं, उनसे भी एटीएस लगातार संपर्क में है.
आईजी एटीएस के मुताबिक सभी लड़कों को अच्छे मौलानाओं से मिलवाकर धर्म का सही तरीका बताया जा रहा है. यही नहीं उन्हें स्किल डेवलपमेंट से जुड़े कोर्स भी करवाए जा रहे हैं. जो जेल में बंद हैं, उनके बाहर आने पर उनकी नौकरी के बारे में भी सोचा जाएगा. जो लड़के बाहर हैं, उन्हें अलग-अलग प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है.
आईजी असीम के मुताबिक सोशल मीडिया के जरिए लड़कों को टारगेट किया जा रहा है. जाल में फंसने वाले ज्यादातर बेरोजगार युवक हैं. या फिर ऐसे हैं जिनका छोटा-मोटा अपराधिक इतिहास है. एक बार कोई लड़का इनके जाल में फंस जाए तो उसे जेहाद और पैसे का लालच दिया जाता है.
आईजी ने बताया कि उस युवक से टेलीग्राम मैसेंजर पर बात-चीत शुरु होती है. ऐसे में हमारी नजर सब पर बनी हुई है. उम्मीद है ये 16 लड़के डी-रेडिकलाइजेशन के बाद नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे.