छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहर खा कर आत्महत्या करने की कोशिश की. इनमें से तीन की मौत हो गई जबकि बाकी दो लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. उन्हें स्थानीय अस्पताल में दाखिल कराया गया है.
घटना रतनपुर के नेवसा गांव की है. बताया जाता है कि पीड़ित परिवार के यहां शनिवार को जेवरात और नकदी की चोरी हो गई थी. इससे पूरा परिवार सदमे में आ गया था. उन्होंने मामले की शिकायत थाने में करने के बजाए खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया. घर का मुखिया सत्तू साहू घटना के दौरान अपनी ड्यूटी में तैनात था. वो गांव के करीब के कोल डिपो में नौकरी करता है. सत्तू साहू जब नाइट शिफ्ट से घर लौटा तो उसने घर का दरवाजा बंद पाया. कड़ी मशक्कत के बाद जब दरवाजा खोला गया तो, उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.
बेडरूम में उसकी सास और दोनों बिटिया बिस्तर पर मृत पड़ी थीं, जबकि पत्नी और बेटा तड़प रहे थे. उनके मुंह से झाग निकल रहा था. सत्तू साहू ने फौरन पड़ोसियों को जगाया और पुलिस को सूचना दी गई. सभी पीड़ितों को बिलासपुर के सिम्स मेडिकल संस्थान में भर्ती कराया गया.
डॉक्टरों ने 60 साल के गुलाबबाई साहू, 13 साल की निकिता साहू और 8 वर्षीय नीलम साहू को मृत घोषित कर दिया, जबकि 35 वर्षीय लल्ली और 18 वर्षीय विकास की हालत गंभीर बताई जा रही है. रतनपुर थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर आर.आर. राठिया के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि पीड़ितों ने कौन सा जहर खाया था. उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर को पीड़ित परिवार रायपुर में किसी रिश्तेदार के यहां कार्यक्रम में शामिल होने गया था. उनके मुताबिक इस तिथि या उसके बाद चोरों ने उनके घर का ताला तोड़कर 50 हजार नकद और सोने चांदी के जेवर चुरा लिए थे.
28 दिसंबर को जब परिवार वापस लौटा तो उन्हें घर में अलमारी और अन्य कमरों के ताले टूटे होने की जानकारी लगी. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार ने चोरी की शिकायत थाने में दर्ज नहीं कराई थी और यह पूरा परिवार सदमे में डूबा रहा. राठिया के मुताबिक मामले की तफ्तीश की जा रही है. पीड़ित परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा पड़ोसियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीणों और मुख्य गवाहों के बयानों के बाद ही हकीकत सामने आएगी.