छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर में सड़क निर्माण में जुटे ठेकेदारों की हत्या का सिलसिला जारी है. ताजा घटना में नक्सलियों ने सड़क निर्माण कार्य करा रहे एक ठेकेदार की बेरहमी से हत्या कर दी. आरोपी नक्सली उसकी लाश को सड़क पर फेंक कर फरार हो गए.
हत्या की यह वारदात घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमाकी की है. हत्या के बाद ठेकेदार की लाश को सुकमा के गोरगुंडा मार्ग से पुलिस ने बरामद किया. इस घटना को नक्सलियों ने दोरनापाल से 6 किलोमीटर दूर चिंतलनार मार्ग पर अंजाम दिया है. घटनास्थल से सटे गोरगुंडा गांव के लोगों ने ठेकेदार की हत्या की सूचना पुलिस को दी.
मृतक ठेकेदार की शिनाख्त कपूर चंद नामक शख्स के रूप में हुई है. वह स्थानीय निवासी था. वह लंबे अरसे से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण का कार्य करवा रहा था. मौके पर पहुंची पुलिस ने उनका शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
ग्रामीणों के मुताबिक सड़क निर्माण कार्य कराने की वजह से वो लंबे समय से नक्सलियों के टारगेट पर थे. सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना ने बताया कि खुफिया सूत्रों से उन्हें जानकारी मिली थी कि ठेकेदार कपूरचंद राजपूत किसी परिचित से मिलने के लिए घटनास्थल से महज कुछ दूरी पर स्थित तेतरई गांव गए हुए थे.
एसपी ने कहा कि मामले की तफ्तीश की जा रही है कि कहीं किसी परिचित शख्स ने उन्हें धोखा तो नहीं दिया. उनके मुताबिक तेतरई गांव से नक्सली उनको अगवा कर कहीं और ले गए और धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी. इसके बाद उनके शव को जगरगुंडा रोड पर फेंक दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अकबरपुर निवासी कपूरचंद राजपूत लंबे समय से दोरनापाल में अपने परिवार के साथ रह रहे थे. वो यहीं से सड़क निर्माण की ठेकेदारी करते थे. मगर सोमवार की रात से वो अचानक अपने घर से गायब थे. उनकी गुमशुदगी के दो दिन बाद उनका CRPF कैम्प के पास सड़क पर पड़ा हुआ मिला.
मृतक ठेकेदार कपूरचंद के मुंह पर काले रंग का कपड़ा बांधा गया था. पुलिस को अंदेशा है कि कपूरचंद शोर न मचा सकें, इसके चलते नक्सलियों ने उनके मुंह पर कपड़ा बांधा होगा. बस्तर में सड़क निर्माण कार्य से जुड़े किसी ठेकेदार की यह सातवीं हत्या है. इसके पहले आधा दर्जन ठेकेदार नक्सली हिंसा का शिकार हुए हैं.