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Assam Police की भर्ती में 400 उम्मीदवार फेक सर्टिफिकेट वाले पकड़े गए, अब इन पर चलेगा मुकदमा

assam police recruitment 2022: असम पुलिस के DGP भास्करज्योति महंत के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया के लिए आने वाले उम्मीदवारों से कंप्यूटर एफिशिएंसी सर्टिफिकेट भी मांगा गया था. कुछ उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट फेक निकले.

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असम पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)
असम पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CID ने केस अपने हाथों में लेकर जांच शुरू की
  • 9 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की हुई भर्ती

पुलिस में भर्ती होने की चाहत लिए बैठे 400 से ज्यादा उम्मीदवारों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है. फर्जीवाड़े का यह मामला असम पुलिस की जांच में सामने आया है. उम्मीदवारों पर फेक सर्टिफिकेट दाखिल करने के आरोप लगे हैं. पुलिस के मुताबिक अभी मामले की जांच की जा रही है. जल्द ही आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है.

असम पुलिस के डायरेक्टर जनरल (DGP) भास्करज्योति महंत के मुताबिक हाल ही में असम पुलिस में भर्ती को लेकर प्रक्रिया शुरू की गई थी. भर्ती के लिए आने वाले उम्मीदवारों से कंप्यूटर एफिशिएंसी सर्टिफिकेट भी मांगा गया था. सभी उम्मीदवारों के दस्तावेज आने के बाद पुलिस ने सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की. इस दौरान 400 से ज्यादा प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. पुलिस ने इन उम्मीदवारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. इस मामले को अब CID ने अपने हाथों में लेकर जांच शुरू कर दी है.

परिणाम घोषित करने से पहले किया सत्यापन

डीजीपी महंत के मुताबिक मामले का खुलासा दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान हुआ. अंतिम परिणाम घोषित करने से पहले संबंधित पुलिस अधीक्षकों के जरिए सभी उम्मीदवारों के कंप्यूटर एफिशिएंसी प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया गया. इस दौरान 414 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए.

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9 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सौंपे नियुक्ति पत्र

डीजीपी ने बताया की शनिवार को एक विशेष कार्यक्रम के दौरान पुलिस बल के अलग-अलग रैंकों के 9,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए. उन्होंने कहा कि इस बार भर्ती के दौरान सशस्त्र शाखा (armed branch) में 10 फीसदी और शस्त्र रहित शाखा (unarmed branch) में 30 फीसदी महिलाओं की भर्ती का लक्ष्य रखा गया था.

महिलाओं की भर्ती के लिए तय किया गया था लक्ष्य

उन्होंने कहा कि तय लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका, लेकिन इस बार सबसे ज्यादा महिलाओं की भर्ती की गई. सशस्त्र शाखा में 91.75 प्रतिशत पुरुषों तो 8.43 फीसदी महिलाओं की भर्ती हुई. वहीं, शस्त्र रहित शाखा में 76.21 फीसदी पुरुष और 23.79 फीसदी महिलाओं की भर्ती हुई. डीजीपी ने आगे कहा कि पात्र उम्मीदवारों की कमी के चलते अनुसूचित जनजाति, पूर्व उग्रवादियों और ग्राम रक्षा दल के कर्मियों के आरक्षित कुछ पद नहीं भरे जा सके.

 

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