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संदिग्ध हालत में जयललिता के बंगले के अकाउंटेंट की मिली लाश, 72 दिनों में 3 मौत

तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के कोडनाड एस्टेट के अकाउंटेंट की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. मंगलवार को अकाउंटेंट दिनेश कुमार (28) की लाश कोटागिरी स्थित उसके घर में पंखे से लटकी मिली.

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72 दिनों में 3 मौतों का रहस्य
72 दिनों में 3 मौतों का रहस्य

तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के कोडनाड एस्टेट के अकाउंटेंट की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. मंगलवार को अकाउंटेंट दिनेश कुमार (28) की लाश कोटागिरी स्थित उसके घर में पंखे से लटकी मिली. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है.

पिछले 72 दिनों में कोडनाड एस्टेट से जुड़े कर्मचारियों की मौत का यह तीसरा मामला है. पुलिस के मुताबिक, दिनेश बंगले में तैनात तीन अकाउंटेंट्स में से एक था. पुलिस घरेलू परेशानियों के चलते दिनेश के आत्महत्या करने की भी आशंका जता रही है.

बताते चलें कि हाल ही में कोडनाड एस्टेट के मैनेजमेंट में फेरबदल हुआ था. दिनेश और कई कर्मचारियों को नौकरी जाने का डर सता रहा था. फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है.

पेड़ से लटकी मिली थी गार्ड की लाश

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24 अप्रैल को कोडनाड एस्टेट के गार्ड ओम बहादुर की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. गेट नंबर-10 के पास उसकी लाश पेड़ से लटकी मिली थी. पुलिस के मुताबिक, कार से आए एक कुछ बदमाशों ने गार्ड की हत्या की और दूसरे गार्ड कृष्ण बहादुर को जख्मी कर दिया था.

मुख्य आरोपी की एक्सीडेंट में हुई मौत

इस वारदात के मुख्य आरोपी कनगराज की 28 अप्रैल को एक्सीडेंट में मौत हो गई. इसके कुछ ही घंटे बाद उसके एक सहयोगी के.वी. सायन की कार केरल में हादसे का शिकार हो गई, इसमें उसकी पत्नी विनुप्रिया और बेटी नीतू की भी मौत हो गई थी. तमिलनाडु में विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने इसे बड़ी साजिश करार दिया था.

800 एकड़ में फैला है कोडनाड एस्टेट

दिवंगत पूर्व सीएम जयललिता ने कोडनाड एस्टेट को साल 1992 में खरीदा था. नीलगिरि स्थित कोडनाड एस्टेट 800 एकड़ में फैला है. जयललिता के कोडनाड एस्टेट को लोग 'व्हाइट हाउस' भी कहते हैं. कोडनाड एस्टेट में सिक्योरिटी के खास इंतजाम किए गए हैं. यहां करीब 1400 सीसीटीवी निगरानी के लिए लगाए गए हैं और फार्महाउस को कवर करने वाली फेंसिंग में हर समय करंट दौड़ता है. जयललिता चेन्नई से दूर छुट्टियां बिताने के लिए कोडनाड एस्टेट में ही आकर ठहरती थीं. यहां हैलीपैड भी बनवाया गया है.

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