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अन्‍ना को लेकर पीएम निवास पर बैठक

अन्‍ना हजारे और उनके आंदोलन के मसले पर प्रधानमंत्री निवास पर अहम बैठक चल रही है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि अन्‍ना को पुणे भेजा जा सकता है.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

अन्‍ना हजारे और उनके आंदोलन के मसले पर प्रधानमंत्री निवास पर अहम बैठक चल रही है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि अन्‍ना को पुणे भेजा जा सकता है.

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दूसरी ओर तिहाड़ जेल के बाहर आंदोलनकारियों की भारी भीड़ जमा है. तिहाड़ के बाहर सुरक्षाकर्मियों की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं. पुलिस ने कई वाटर कैनन तैनात कर दिए हैं.

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अन्‍ना हजारे के आंदोलन की लहरें अब विदेशों तक हिलोरें मार रही हैं. देश के कोने-कोने में अन्‍ना के समर्थन में प्रदर्शन के बाद अब लंदन और न्‍यूयॉर्क में भी आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है.

देखें कैसे गिरफ्तार हुए अन्‍ना हजारे

एक सख्त लोकपाल विधेयक के लिए संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को प्रस्तावित आमरण अनशन से रोकने के लिए मंगलवार सुबह हिरासत में ले लिया गया, लेकिन इसके बाद देशभर में हुए व्यापक प्रदर्शन और जनदबाव को देखते हुए केंद्र सरकार को 12 घंटे के भीतर ही रिहाई का आदेश देने पर मजबूर होना पड़ा.

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अन्‍ना के आंदोलन पर विशेष कवरेज

सरकार के रुख में आई नरमी के बावजूद अन्ना हजारे अपने इरादे पर अटल हैं. जेल की सेल से रिहाई के बाद परिसर में मौजूद अन्ना हजारे ने साफ कर दिया है कि जब तक कि उन्हें जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में बगैर प्रतिबंधों के अनशन करने की अनुमति नहीं दे दी जाती वह जेल से बाहर नहीं जाएंगे.

क्‍या है जन लोकपाल?

तिहाड़ जेल पहुंचने के केवल छह घंटे बाद उनके समर्थकों के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का दबाव इस कदर सरकार और दिल्ली पुलिस पर पड़ा कि रात नौ बजे अन्ना हजारे की रिहाई की घोषणा करनी पड़ी. अन्ना को तीन बजे जेल ले जाया गया.

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने राजघाट से गिरफ्तार सामाजिक संगठनों के सदस्यों किरन बेदी और वरिष्ठ वकील शांति भूषण को शाम में ही रिहा कर दिया. बेदी ने कहा कि अन्ना हजारे जब तक तिहाड़ जेल से बाहर नहीं आएंगे जब तक कि उनकी शर्ते मान नहीं ली जातीं.

कौन हैं अन्ना हजारे

अन्ना हजारे की गिरफ्तारी की आंच संसद भवन तक पहुंची. गिरफ्तारी के विरोध में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी. अन्ना हजारे के समर्थन में पूरे देश में माहौल बनता देख प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं को बैठक करनी पड़ी.

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इस बीच, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी शाम के वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उन्होंने मामले में दखल देते हुए प्रधानमंत्री से अन्ना हजारे की रिहाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने देर शाम कहा कि अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के लिए 'हम क्षमा मांग सकते हैं.'

सरकारी लोकपाल विधेयक खारिज करने और जन लोकपाल विधेयक लाने की मांग को लेकर जयप्रकाश नारायण उद्यान में धारा 144 लागू होने के बावजूद अनशन आरम्भ करने निकले अन्ना हजारे को मंगलवार सुबह 7.20 बजे मयूर विहार स्थित सुप्रीम एन्क्लेव से शांति भंग होने की आशंका के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. बाद में निजी मुचलका देने और जमानत लेने से इंकार करने पर उन्हें सात दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में लेकर तिहाड़ जेल भेज दिया गया.

अन्ना हजारे के करीबी सहयोगी मनीष सिसौदिया के मुताबिक, "अन्ना हजारे ने तब तक तिहाड़ जेल से बाहर आने से मना कर दिया है जब तक कि उन्हें जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में बगैर किसी शर्त के अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती."

इस बीच, अन्ना हजारे को जेल के प्रकोष्ठ से रात करीब 9 बजे रिहा कर दिया गया है लेकिन वह बिना शर्त रिहाई के लिए जेल के वरिष्ठ अधिरिकायों के साथ बातचीत कर रहे हैं. तिहाड़ जेल के एक प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने कहा, "अन्ना हजारे बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिसका अर्थ है जेल परिसर से बाहर निकलने के बाद वह जहां चाहें वहां जा सकें लेकिन शहर में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर हम उन्हें इसकी इजाजत नहीं दे सकते."

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दिल्ली में करीब 1400 लोगों को हिरासत में लिया गया है. दिल्ली पुलिस ने उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की दो धाराओं- धारा 107 और 151 के तहत गिरफ्तार किया.

अन्ना हजारे को रिहा किए जाने की मांग को लेकर लोगों ने अपने-अपने तरीकों से देश भर में जगह-जगह अहिंसक प्रदर्शन किया. अन्ना हजारे के सहयोगी प्रशांत भूषण ने जनता से अपील की थी कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को इंडिया गेट से संसद भवन तक जुलूस निकाली जाएगी और वे इसमें भारी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं.

अन्ना हजारे को हिरासत में लिए जाने का असर संसद में भी दिखा. समूचे विपक्ष ने पूरे घटनाक्रम को आपातकाल जैसा करार दिया. दोनों सदनों में विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका और कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई. एकजुट विपक्षी दल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान की मांग की है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी दलों ने अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है. अन्ना हजारे के साथ उनके सहयोगियों अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया को भी हिरासत में लिया गया था. बाद में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी किरण बेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण को भी हिरासत में लिया गया.

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हिरासत में लिए जाने से पहले ही रिकॉर्ड किए गए एक संदेश में अन्ना हजारे ने कहा, "मेरी गिरफ्तारी के बाद इस आंदोलन को मत रुकने दीजिए. यह आजादी की दूसरी लड़ाई है. पूरा विश्व जानता है कि भ्रष्टाचार किस कदर अपने पांव जमा चुका है."

अन्ना हजारे ने कहा, "मैं आपसे अपील करता हूं कि इस आंदोलन में किसी तरह की हिंसा न होने पाए. मैं युवा और बुजुर्ग लोगों से अपील करता हूं कि यदि जेल भरो आंदोलन की आवश्यकता पड़े तो आप अपने आठ दिन देश को समर्पित कीजिए." कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने अन्ना हजारे की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

अन्ना हजारे की गिरफ्तारी से उभरे राजनीतिक घटनाक्रम पर हुई राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा, "पुलिस किसी राजनीतिक दबाव में नहीं है. पुलिस स्वतंत्र रूप से काम कर रही है."

इसके बाद सरकार की स्थिति साफ करने की जिम्मेदारी सबसे वरिष्ठ मंत्रियों ने सम्भाली. केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, "स्वतंत्र देश में प्रदर्शन का अधिकार हर किसी को है, लेकिन इसका एक तरीका होता है. प्रदर्शन हर व्यक्ति का वैध अधिकार है, लेकिन कुछ नियम और कानून भी है."

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि संप्रग सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार के खिलाफ नहीं है, लेकिन दुनिया के किसी भी देश में बिना शर्तो के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखना एक चुनौती है और इसी आधार पर पुलिस ने उक्त फैसला लिया.

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अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि इस अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा. दिल्ली और मुम्बई के अलावा बेगंलुरू, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, चण्डीगढ़, लखनऊ, अहमदाबाद, उदयपुर, जम्मू, सेलमा, भोपाल, सूरत, राजकोट, पटना, गुवाहाटी, रायपुर, शिमला, मंडी, अमृतसर, लुधियाना, भिवानी के अलावा कई अन्य शहरों में अन्ना हजारे के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया है.

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