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मूसेवाला पर कुल 6 शार्प शूटर्स ने बरसाईं थीं गोलियां, बिश्नोई गैंग के 3 गुर्गे गिरफ्तार

मनप्रीत नाम को दो गुर्गे और शरद, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर और सक्रिय सदस्य हैं. इन पर पहले भी हत्या, लूट, उगाही के कई मामले दर्ज हो चुके हैं. तीनों से पंजाब पुलिस पूछताछ करने जा रही है.

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सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हत्या, लूट, उगाही में शामिल थे आरोपी
  • गोल्डी बरार के संपर्क में थे शरद-मनप्रीत

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर कर रख दिया है. पंजाब पुलिस द्वारा लगातार ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की जा रही हैं, कई लोगों से पूछताछ हुई है और कई पर शक है. इस बीच पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता लग गई है. बठिंडा और फिरोजपुर के साथ ही देहरादून जेल में बंद गैंगस्टर मनप्रीत सिंह मन्नू, शरद को गिरफ्तार कर लिया गया है.

मनप्रीत सिंह मन्नू, मनप्रीत उर्फ सुखपाल और शरद, तीनों ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर और सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं. इनके खिलाफ पहले भी हत्या, लूट, उगाही के कई मामले दर्ज हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि कत्ल में इस्तेमाल दोनों गाड़ियां बोलेरो और करोला गाड़ी शूटर्स को इनकी ओर से मुहैया कराई गई थी. ये भी जानकारी दी गई है कि मनप्रीत और शरद वर्चुअल नंबरों से कनाडा में बैठे गोल्डी बरार के भी लगातार संपर्क में रहते थे. ऐसे में इन तीनों ही आरोपियों को इस मामले की बड़ी कड़ी माना जा रहा है और पुलिस उनसे पूछताछ करने जा रही है.

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पुलिस इन अपराधियों से करेगी पूछताछ
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बता दें कि सिद्धू पर कई राउंड फायरिंग की गई. देर रात आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 24 गोलियां सिद्धू के शरीर के आर-पार हो गई थीं. एक गोली सिद्धू की खोपड़ी में जाकर लगी. सिद्धू के लिवर और बाएं फेफड़े में भी गोलियां लगने की बात सामने आई है. डॉक्टर्स का मानना है कि अधिक खून बह जाने की वजह से सिद्धू की जान नहीं बच सकी.

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अभी इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. स्पेशल सेल ने उसे पांच दिन की कस्टडी में ले रखा है. आरोप है कि लॉरेंस और गोल्डी बरार ने साथ मिलकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश रची थी. पुलिस की मानें तो बदले की भावना में इस हत्या को अंजाम दिया गया. पिछले साल 7 अगस्त 2021 को विक्की मिद्दुखेड़ा का मर्डर हुआ था. विक्की, लॉरेंस बिश्नोई का करीबी था. इस हत्याकांड में दविंदर बंबीहा गैंग का नाम आया था. अब ये कहा जा रहा है कि मिद्दुखेड़ा हत्याकांड में शामिल शूटरों को मूसेवाला ने पनाह दी थी जिसका बदला बिश्नोई गैंग ने लिया.

इस पूरे मामले ने पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर घेर रहा है. इस बात पर नाराजगी जताई जा रही कि सरकार ने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा कम कर दी थी. उनके अलावा 423 और वीआइपी लोगों की सुरक्षा सरकार ने कम की थी. उस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया गया. सरकार पर विपक्ष इसलिए भी हमलावर हो रहा है क्योंकि सुरक्षा वापस लेने वाली लिस्ट को पब्लिक कर दिया गया था. तर्क दिया गया कि ऐसा कर सरकार ने कई लोगों की सुरक्षा के साथ समझौता किया और इसी वजह से सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई.

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