आसुमल हरपलाणी उर्फ आसाराम को एक रेप केस में दोषी करा दिया जा चुका है और थोड़ी ही देर में उसे सजा सुनाई जाएगी. आसाराम को सलाखों के पीछे पहुंचाने के पीछे इस पुलिस अफसर की मेहनत रंग लाई है. लेकिन आसाराम केस की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अजय पाल लांबा के लिए इतनी आसान भी नहीं रही. केस की जांच के दौरान अजय पाल लांबा को 2,000 से अधिक धमकी भरी चिट्ठियां मिलीं.
जोधपुर सेंट्रल जेल में तैयार की गई कचहरी में आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की नाबालिग दलित लड़की से 2013 में जोधपुर के मणाई आश्रम में रेप केस में दोषी करार दे दिया गया है.
जांच करने वाले अधिकारी अजय पाल लांबा खुद भी मानते हैं कि 20 अगस्त, 2013 को उनके हांथ में जांच के लिए सौंपा गया यह केस उनके जीवन का सबसे बड़ा केस है. इस केस की जांच इसलिए भी जोखिम भरी रही, क्योंकि आसाराम के अंधभक्त केस के दौरान लगातार गवाहों, पुलिसकर्मियों, मीडिया कर्मियों और जांच अधिकारियों पर जानलेवा हमले करते रहे.
आसाराम को दोषी करार दिए जाने को अजय लांबा ने भारतीय आपराधिक न्याय व्यवस्था में ऐतिहासिक करार दिया और कहा 'अंततः सत्य की जीत हुई'. अजय लांबा ने न्यायालय द्वारा आसाराम को दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद फेसबुक पर लिखी पोस्ट में यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा 'यह देखना सुखद है कि अगर कानून को निष्पक्षता से पालन हो तो कमजोर से कमजोर व्यक्ति आसाराम जैसे ऊंचे रसूख वाले अपराधियों का सामना करने का साहस कर सकते हैं.'
साथ ही अजय लांबा ने आसाराम केस की जांच में अपनी टीम के सहयोगी अधिकारियों की भी तारीफ की. इसके अलावा उन्होंने पीड़िता और उसके परिवार वालों के लिए शुभकामनाएं भी व्यक्त कीं.
यह IPS अधिकारी अब भी आसाराम को मानता है निर्दोष
आसाराम के समर्थक आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा अब भी आसाराम को निर्दोष मानते हैं. कोर्ट का फैसला आते ही आसाराम के समर्थक आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा अहमदाबाद आश्रम पहुंचे.
डीजी वंजारा ने कहा कि यौन शोषण केस में आसाराम पर दिए गए जोधपुर कोर्ट के फैसले का वह सम्मान करते हैं. लेकिन उनका कहना है कि उनके पास पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की कॉपी है. इसमें उसने कहीं नहीं कहा है कि उसके साथ बलात्कार हुआ है.
इलाज के लिए आश्रम आई पीड़िता
आसाराम पर इलाज के लिए आश्रम आई एक 16 साल की नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप है. पीड़ित परिवार के मुताबिक, 5 साल पहले पीड़ित परिवार ने अपने दो बच्चों को आसाराम के छिंदवाडा के गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा था. 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता को छिंदवाडा गुरुकुल से ने बेटी के बीमार होने की खबर दी.
कुटिया में बुलाकर रेप का आरोप
अगले दिन जब पीड़िता के माता पिता छिंदवाडा गुरुकुल पहुंचे. उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है. इसे आसाराम ही ठीक कर सकते हैं. 14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से मिलने उनके जोधपुर आश्रम पहुंचा. 15 अगस्त की शाम को पीड़िता को ठीक करने के बहाने से आसाराम ने उसे अपनी कुटिया में बुलाकर रेप किया.
दिल्ली में दर्ज कराया था केस
इसके बाद पूरा परिवार घर वापस लौटा, तो 17 अगस्त को लड़की ने अपने घरवालों को सारी बात बताई. इसी बीच उन्हें पता चला कि आसाराम 18 से 20 अगस्त तक दिल्ली के रामलीला मैदान में शिविर कर रहे हैं. लिहाजा पूरा परिवार दिल्ली पहुंच गया और उन्होंने रामलीला मैदान के पास कमला मार्केट थाने में केस दर्ज करा दी.
इंदौर आश्रम से हुई थी गिरफ्तारी
यहां जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई. इसके बाद इस केस को जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया. लेकिन जोधपुर पुलिस आसाराम पर हाथ डालने से डरती रही. पीड़ित परिवार ने हार नहीं मानी. मीडिया में खबर आने के बाद सरकार और पुलिस पर दबाव बढ़ा. इस तरह 16 दिन बाद आसाराम को इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर लिया गया.