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महाराष्ट्रः पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के पुश्तैनी मकान समेत 2 ठिकानों पर ED की रेड

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची ईडी की टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान थे. वडविहिरा स्थित देशमुख के पुश्तैनी मकान पर कोई भी मौजूद नहीं था.

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महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (फाइल फोटोः पीटीआई)
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (फाइल फोटोः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • काटोल टाउन और वडविहिरा गांव स्थित मकान पर रेड
  • ईडी की टीम में थे 4 से 5 अधिकारी, सीआरपीएफ थी साथ

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. वसूली मामले में मंत्री पद गंवा चुके अनिल देशमुख के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी एक्शन शुरू कर दिया है. ईडी ने रविवार को अनिल देशमुख के पुश्तैनी मकान समेत दो ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की टीम ने सुबह करीब 8.30 बजे छापेमारी की और दस्तावेज खंगाले.

जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम ने नागपुर शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित काटोल टाउन में स्थित अनिल देशमुख के आवास पर छापा मारा. ईडी की टीम कटोल से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित वडविहिरा गांव भी पहुंची और अनिल देशमुख के पुश्तैनी मकान पर छापेमारी की. ईडी की टीम ने अनिल देशमुख के दोनों आवास पर घंटों दस्तावेज खंगाले.

बताया जा रहा है कि ईडी की टीम में चार से पांच अधिकारी शामिल थे. महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची ईडी की टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान थे. ईडी की टीम को वडविहिरा स्थित देशमुख के पुश्तैनी मकान पर कोई भी सदस्य मौजूद नहीं मिला. गौरतलब है कि अनिल देशमुख नागपुर जिले के काटोल विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक हैं.

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दो दिन पहले कुर्क हुई थी अनिल देशमुख की संपत्ति

हाल ही में जांच के दौरान यह बात भी सामने आई थी कि भ्रष्टाचार से प्राप्त पैसे को सफेद बनाने के लिए नागपुर के एक ट्रस्ट साईं शिक्षण संस्था का इस्तेमाल किया जा रहा था जो शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है. बता दें कि ईडी ने अभी दो दिन पहले ही अनिल देशमुख की करीब 4.40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर दिया था. अनिल देशमुख ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन कोई राहत नहीं मिली.

इस पूरे मामले की शुरुआत मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के दो दिन बाद परमबीर सिंह की ओर से लिखे गए पत्र से हुई थी. परमबीर के लेटर बम के बाद अनिल देशमुख को गृह मंत्री का पद भी छोड़ना पड़ा था. बाद में ईडी ने जांच शुरू की. परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में अनिल देशमुख पर कुछ पुलिस अधिकारियों के जरिए वसूली कराने का आरोप लगाया था.

 

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