भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अभी भी तल्ख बने हुए हैं, लेकिन LOC पर एक अजीब सा सन्नाटा देखने को मिल रहा है. पिछले 100 दिनों बॉडर पर एक भी गोली नहीं चलाई गई है. दोनों तरफ से फरवरी के बाद से सीजफायर का सम्मान किया जा रहा है. लेकिन सीजफायर का मतलब ये नहीं है कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आ गया हो. अभी भी आतंकियों की घुसपैठ जारी है, अभी भी आतंकियों की फंडिंग पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही है. ऐसे में सिर्फ गोलियों की थरथराहट रुकी है, पाक की नापाक साजिश जारी है.
LOC पर शांति, आतंकियों की साजिश जारी
इंटेलिजेंस इनपुट लगातार आ रहे हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के कई कैंप सक्रिय हैं और वहां से उनकी कश्मीर वादी में घुसपैठ करवाई जा रही है. सिर्फ बॉडरों पर गोलियों को रोका गया है लेकिन पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. जानकारी आई है कि जून 1 को लिपा वैली में आतंकियों के संगठन इकट्ठा हुए थे. उन्हें करनन, नोवगाम और रामपुर सेक्टर में देखा गया था. पिछले महीने भी आतंकियों की यही गतिविधि देखी गई थी. जब निकिआल में कई आतंकियों की ट्रेनिंग जारी थी. उस समय जैश के चार आतंकी, अल बदर के 10, लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकी ट्रेनिंग में शामिल हुए थे और सभी घाटी में घुसपैठ की तैयारी कर रहे थे.
आतंकियों की घुसपैठ
हैरानी की बात ये भी है कि आतंकी रिहायशी इलाकों में अपने लॉन्च पैड बना रहे हैं और वहीं से अपनी कई गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. पूरी कोशिश की जा रही है कि इन लॉन्च पैड को पाक अधिकृत कश्मीर में LOC के करीब रखा जाए. अब क्योंकि पाकिस्तान अपनी तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रहा है, ऐसे में भारतीय सेना भी लगातार मुस्तैद है. बताया जा रहा है कि बॉर्डर पर फोर्स को बिल्कुल भी कम नहीं किया जाएगा. साफ कर दिया गया है कि सीजफायर का मतलब ये नहीं कि भारत, पाकिस्तान के आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब नहीं देगा.
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सेना प्रमुख ने दी थी चेतावनी
इसी दिशा में जब सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कश्मीर का दौरा किया था, उन्होंने जोर देकर कहा था कि शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. लेकिन अभी तक पाक की तरफ से उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. सेना प्रमुख ने जानकारी दी कि बॉर्डर की दूसरी तरफ अभी भी कई आतंकी घात लगाए बैठे हैं, अभी भी आतंकी कैंप बनाए जा रहे हैं. नरवणे की तरफ से चेतावनी भी दी गई थी कि किसी भी मौके पर बॉर्डर पर ढिलाई नहीं बरतनी है और हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना है.
हाल के सालों की बात करें तो पहले बालाकोट एयरस्ट्राइक और फिर अनुछेद 370 का हटना आतंकियों के लिए बड़ा झटका रहा है और उसी बौखलाहट की वजह से LOC पर तनाव बढ़ा है. आंकड़े बताते हैं कि 2019 से 2020 के बीच कई बार सीजफायर उल्लघंन हुआ है. हालांकि इस साल फरवरी से बॉर्डर पर थोड़ी शांति देखने को मिल रही है, लेकिन अभी भी आतंकियों को पाकिस्तान पनाह देने से बाज नहीं आ रहा है.