scorecardresearch
 

टूलकिट केसः दिल्ली पुलिस ने मांगी थी 5 दिन की कस्टडी, 1 दिन की हिरासत में दिशा रवि

दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि हमारे पास दिशा रवि का उन तमाम लोगों से आमना सामना कराने के अलावा कोई चारा नहीं है. हमारे हाथ बंधे हुए हैं.

Advertisement
X
दिशा रवि के वकील ने पुलिस कस्टडी की मांग का किया विरोध (फाइल फोटोः इंडिया टुडे)
दिशा रवि के वकील ने पुलिस कस्टडी की मांग का किया विरोध (फाइल फोटोः इंडिया टुडे)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिशा रवि के वकील ने किया पुलिस कस्टडी की मांग का विरोध
  • दिशा के वकील ने कोर्ट को बताया- हाईकोर्ट में दायर की है याचिका
  • दिशा को शांतनु-निकिता के सामने बिठाकर करनी है पूछताछ- पुलिस

टूलकिट केस में गिरफ्तार पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी हुई. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने की अर्जी लगाई. दिशा के वकील ने इसका विरोध किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दिशा को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.

दिशा के वकील ने कोर्ट में हाइकोर्ट में दायर याचिका के बारे में बताया और कहा कि वहां भी अर्जी लगाने का मकसद ये था कि दिशा रवि को लेकर मीडिया में कुछ गलत न चले. उन्होंने कहा कि मोबाइल में वॉट्सऐप में जो कुछ बचा था, पुलिस के पास है. जो भी चला वो कैसे चला, हमने इसको लेकर सवाल उठाया था. लेकिन पुलिस ने कहा कि दिशा रवि ने टूलकिट में सारे आरोप शांतनु और निकिता जैकब पर डाल दिए हैं.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने शांतनु और निकिता दोनों की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा रखी है. लिहाजा इस मामले में दिशा रवि को दोनों के सामने बैठाकर आमना-सामना कराना चाहते हैं. पुलिस ने कहा कि जूम मीटिंग में धारीवाल के अलावा ये तीन लोग भी थे. दिसंबर को भी एक पेज बनाया गया था. उसमें शामिल लोगों को भी गिरफ्तार पर रोक है.

Advertisement

दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि हमारे पास दिशा रवि का उन तमाम लोगों से आमना सामना कराने के अलावा कोई चारा नहीं है. हमारे हाथ बंधे हुए हैं. जिन लोगों को गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन मिली हुई है, उन लोगों को हम जब तक कोर्ट का प्रोटेक्शन खत्म नहीं होता, तब तक गिरफ्तार नहीं कर सकते. इसलिए दिशा रवि का इन लोगों से आमना सामना कराके ही पूछताछ कर सकते हैं. 60 से 70 लोग जूम मीटिंग में शामिल थे, ऐसे में इन लोगों से पूछताछ ही कर सकते हैं.

दिशा के वकील ने किया जमानत अर्जी का उल्लेख

दिशा रवि के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस के वकील इस अंदाज में बात कर रहे हैं जैसे पहली बार पुलिस कस्टडी मांग रहे हों, जबकि दिशा रवि की तीन दिन की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही है और कल दिशा की जमानत अर्जी पर फैसला आना है. ऐसे में क्या इस मामले में दिशा रवि की पुलिस कस्टडी की सच में जरूरत है?

दिशा के वकील ने कोर्ट में कहा कि कल को अगर शांतनु और निकिता को पुलिस गिरफ्तार करती है और फिर पुलिस को दिशा रवि से दोबारा पूछताछ करनी हो, अगर दिशा जेल में हो तो क्या पुलिस जेल में पूछताछ नहीं करेगी? आज सवाल ये है कि क्या दिशा रवि को पुलिस कस्टडी में लेकर ही पूछताछ करनी जरूरी है? पुलिस के पास आज टूलकिट मामले में ऐसा क्या नया है पुलिस के पास, जिसके कारण पांच दिन की पुलिस कस्टडी में दिशा रवि को दोबारा भेजा जाना चाहिए.

Advertisement

पुलिस की दलील- हमें कस्टडी मांगने का अधिकार

दिल्ली पुलिस ने कहा कि अगर दिशा रवि के पास जमानत अर्जी लगाने का अधिकार है तो पुलिस के पास भी जांच के लिए उनकी कस्टडी मांगने का अधिकार है. पुलिस ने कहा कि अगर उनकी जमानत अर्जी पर कल फैसला आना है तो इस आधार पर उनकी पुलिस कस्टडी क्यों आगे नहीं मांगी जा सकती. जबकि दिशा के वकील ने कहा कि 11 और 17 जनवरी की जूम मीटिंग का दिशा रवि हिस्सा नहीं थी फिर उनकी कस्टडी की पुलिस को अब क्यों जरूरत है?

पुलिस की ओर से दिशा की पांच दिन की कस्टडी के लिए लगाई गई अर्जी में कुछ भी नया नहीं था. सब कुछ वही था, जो पहली बार कस्टडी मांगते समय लिखा गया था. जब शांतनु और निकिता से पुलिस बिना गिरफ्तार किए पूछताछ कर सकती है तो दिशा को पुलिस कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत क्यों है. दिशा को जांच में शामिल होने के लिए कोई नोटिस दिल्ली पुलिस की ओर से नहीं दिया गया, जबकि निकिता और शांतनु को नोटिस दिया गया. 22 फरवरी यानी आज पूछताछ के लिए बुलाया गया. ये पुलिस पर गंभीर सवाल है. 

पुलिस कस्टडी को क्यों पनिशमेंट के तौर पर लेते हैं आरोपी 

Advertisement

सवाल यह भी कि जब दो लोगों की गिरफ्तारी के बिना पुलिस उनसे पूछताछ कर सकती है तो फिर 23 फरवरी को अगर दिशा रवि को जमानत नहीं भी मिलती है तो क्या न्यायिक हिरासत में दिशा से पूछताछ नहीं हो सकती. पुलिस के वकील ने कहा कि आरोपी क्यों पनिशमेंट के तौर पर पुलिस कस्टडी को लेते हैं. मुमकिन है कि पुलिस कस्टडी में जब तीनों को एक साथ बिठाकर आमना-सामना कराया जाए तो दिशा रवि को इस पूछताछ का फायदा मिल जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए, क्योंकि दिशा रवि ने सारे आरोप इन दोनों पर ही लगा दिए हैं.

 

Advertisement
Advertisement