दिल्ली पुलिस ने अपने पिछले साल के आंकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ो पर भी कोरोना का असर साफ दिखाई दे रहा है. कई संगीन अपराध जो 2019 में पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे, वे साल 2020 में घट गए. इस तरह से कोरोना का साल दिल्ली पुलिस के लिए आंकड़ों के लिहाज से बेहतर रहा.
अपहरण और रंगदारी
2019 में अपहरण के 15 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2020 में घटकर मामले 11 हो गए. एक्सटॉर्शन के 2019 में 179 मामले जबकि 2020 में 120 मामले दर्ज हुए. 2020 में किडनैपिंग के 100 फ़ीसदी मामले सॉल्व किए गए जबकि एक्सटॉर्शन के 87% मामलों को सुलझाने में कामयाबी मिली है.
बलात्कार और महिलाओं की किडनैपिंग
रेप की बात करें तो 2019 में 2168 के सामने आए जबकि 2020 में 1699 मामले सामने आए हैं. 2019 में मोलेस्टेशन के 2901 मामले थे, जबकि 2020 में मोलेस्टेशन के 2186 केस रजिस्टर हुए. 2019 में महिलाओं की किडनैपिंग के 3672 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2020 में इनकी संख्या 2938 थी. पॉक्सो एक्ट की बात करें तो 2019 में 109 मामले थे जबकि 2020 में 65 मामले दर्ज हुए.
महिलाओं के लिए असुरक्षित इलाके
दिल्ली के 14 खतरनाक इलाके जो महिलाओं के लिए सुरक्षित नही हैं. दिल्ली का बिंदापुर, द्वारका साउथ, द्वारका नॉर्थ, सागरपुर, न्यू उस्मानपुर, सुल्तानपुरी, निहाल विहार, प्रेमनगर, केएन काटजू मार्ग, समयपुर बादली, आनंद पर्वत, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, खजूरी खास यह वह इलाके हैं, जहां महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध के मामले सामने आए.
लापता बच्चों को परिवार से मिलाया
2020 में गायब हुए बच्चों के मामले में दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. जिसमें 8 साल तक के 226 बच्चे बरामद किए गए हैं. इनके अलावा 8 से 12 साल के 308 जबकि 12 से 18 साल के 2723 बच्चे बरामद कर परिवार से मिलाए गए.
अवैध हथियारों की बरामदगी
दिल्ली पुलिस ने 2020 में 2395 देसी पिस्तौल और कांटे, 317 रिवाल्वर, 23 गन और 5138 कारतूस बरामद किए हैं. 2020 में दिल्ली पुलिस ने बड़े पैमाने पर ड्रग्स बरामद किए. जिनमें करीब 94 किलो हेरोइन, 1 किलो कोकीन, 24 किलो चरस, 4396 किलो गांजा और 29 किलो अफीम शामिल है.
ड्रग्स की तस्करी के मामले
दिल्ली पुलिस की मानें तो हीरोइन अमृतसर के रास्ते अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार, मणिपुर, बरेली, बदायूं के रास्ते तस्करी की जा रही थी. जबकि कोकीन बाय एयर, कोरियर के जरिए, कंटेनर के जरिए वेस्ट अफ्रीकन साउथ अफ्रीकन कंट्री से खासकर नाइजीरिया से तस्करी की जा रही थी. जबकि चरस नेपाल, हिमाचल प्रदेश, ईस्ट यूपी, बिहार, पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से तस्करी की जा रही थी.