
राजस्थान के जोधपुर जिले के लोहावट थाने में पुलिस हिरासत में मौत का मामाला सामने आया है. जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) का गृह जिला है. मामला सामने आने के बाद सियासत भी गरमा गई है और विवाद भी बढ़ गया है. पुलिस हिरासत में मौत के बाद लोग भी सड़कों पर उतर आए हैं और दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, जोधपुर के लोहावट थाना इलाके में पिछले हफ्ते दुष्कर्म और अपहरण के मामले में सह आरोपी राजू नायक की पुलिस हिरासत में मौत (Deaths in Police Custody) हो गई थी. राजू नायक गंगानगर जिले का रहने वाला था. पिछले 7 दिन से उसका शव मथुरादास माथुर हॉस्पिटल की मॉर्चरी में रखा हुआ है. क्योंकि परिजनों ने अभी तक सहमति नहीं दी है, इसलिए शव का पोस्टमॉर्टम भी नहीं हो पाया है.

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राजू नायक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है. इसके साथ ही राजस्थान विधानसभा के प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ से मुलाकात कर न्याय की मांग की है. परिजनों ने थानेदार केसाराम समेत दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए और उन पर हत्या का केस दर्ज किया जाए. इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता देने की मांग भी की है.
हिरासत में मौत का मामला सामने आने के बाद लोहावट थाने के बाहर सैकड़ों की भीड़ बैठ हुई है. वहीं, लोहावट से 110 किलोमीटर पैदल चलकर आए हैं जो कलेक्टर ऑफिस के बाहर धरना देंगे.
सरपंच संघ अध्यक्ष घड़साना के मोटनदास ने बताया कि हम 4 दिन तक लोहावट थाने के पर धरना देते रहे लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की. उल्टा हमें ही डराया धमकाया गया.
जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
इस मामले में जोधपुर ग्रामीण एसपी अनिल कयाल ने लोहावट थानाधिकारी केसाराम और कॉन्स्टेबल रूपाराम को निलंबित कर दिया है. वहीं, कॉन्स्टेबल कैलाशचंद्र, आसाराम और रामबाबू को लाइन हाजिर किया गया है. मृतक राजू की पत्नी को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता भी भरोसा प्रशासन की ओर से दिया गया है. इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं.