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Bulandshahr: हाइवे पर गैंगरेप के केस में 9 साल बाद आया फैसला, 5 दोषी करार, आज होगा सजा का ऐलान

बुलंदशहर NH-91 गैंगरेप केस में 9 साल बाद आखिरकार बड़ा फैसला आ ही गया. इस मामले में मुख्य पॉक्सो कोर्ट ने 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब उनकी सजा का ऐलान 22 दिसंबर को होगा.

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पांचो आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया है (फोटो-ITG)
पांचो आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया है (फोटो-ITG)

वो 29 जुलाई 2016 का दिन था, जब यूपी के बुलंदशहर जिले में नेशनल हाईवे-91 पर एक मां और नाबालिग बेटी के साथ हुई गैंगरेप की वारदात ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. उनके परिवार को हाईवे पर रोककर हथियारों के बल पर बंधक बनाया गया था. फिर परिवार के सामने ही मां और बेटी के साथ  गैंगरेप किया गया था. अब करीब 9 साल बाद इस केस में बड़ा अपडेट सामने आया है. बुलंदशहर की मुख्य पॉक्सो कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है. इस मामले में अदालत 22 दिसंबर को सजा पर फैसला सुनाएगी.

बुलंदशहर गैंगरेप केस
इस जघन्य अपराध की गूंज केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रही, बल्कि देशभर में आक्रोश फैल गया था. घटना के बाद कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे थे. मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में पेट्रोलिंग वाहन पर तैनात पुलिसकर्मी, थाना प्रभारी और हल्का इंचार्ज को निलंबित किया गया था. वहीं तत्कालीन एसएसपी, एसपी सिटी और सीओ सिटी पर भी कार्रवाई की गाज गिरी थी. इस केस ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गहरी चोट की थी.

सुनवाई के दौरान कई आरोपी हुए बाहर
पुलिस ने इस मामले में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया था. हालांकि लंबी सुनवाई के दौरान घटनाक्रम बदलता रहा. एक आरोपी सलीम की मौत हो गई. वहीं अजय उर्फ असलम उर्फ कालिया हरियाणा में और बंटी उर्फ गंजा उर्फ बबलू नोएडा में STF के साथ मुठभेड़ में मारे गए. इसके अलावा तीन अन्य आरोपियों रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ शावेज और जबर सिंह को सीबीआई ने क्लीनचिट दे दी. अंततः शेष बचे पांच आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराया है.

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वारदात की काली रात
घटना 28 जुलाई 2016 की रात करीब डेढ़ बजे की है. पीड़िता अपने पिता, ताऊ, ताई, मां और तहेरे भाई के साथ दिल्ली से नोएडा होते हुए शाहजहांपुर जा रही थी. बुलंदशहर के देहात कोतवाली क्षेत्र में गांव दोस्तपुर के पास आरोपियों ने कार के आगे लोहे की भारी वस्तु फेंक दी. वाहन को नुकसान का भ्रम देकर जब परिवार नीचे उतरा, तो सभी को गन पॉइंट पर ले लिया गया. इसके बाद आरोपी उन्हें जंगल की ओर घसीट ले गए.

परिवार के सामने मां-बेटी से गैंगरेप
आरोपियों ने पूरे परिवार को हाईवे के किनारे बंधक बना लिया था. फिर हथियारों की नोक पर मां और नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया गया. इस दौरान पीड़ित परिवार के सदस्य कुछ भी करने में असहाय थे. यह वारदात केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी बेहद भयावह थी. जांच में सामने आया कि उसी दिन नाबालिग पीड़िता को जीवन में पहली बार मासिक धर्म आया था, जिससे उसकी हालत और भी संवेदनशील थी.

फॉरेंसिक सबूत बने मजबूत कड़ी
मामले की विवेचना के दौरान अहम फॉरेंसिक साक्ष्य सामने आए. पीड़िता की मां के पेटीकोट पर मिले सीमेन का मिलान आरोपियों से हुआ. इसे अदालत में मजबूत सबूत के तौर पर पेश किया गया. इस वैज्ञानिक प्रमाण ने आरोपियों की भूमिका को पुख्ता किया. यही कारण रहा कि लंबे समय बाद भी केस कानूनी रूप से मजबूत बना रहा और दोष सिद्ध करने में सफलता मिली.

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डायल 100 नहीं लगा, दोस्त से मांगी थी मदद
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने तत्काल पुलिस सहायता के लिए डायल 100 पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. मजबूर होकर पीड़िता के पिता ने नोएडा पुलिस में तैनात अपने एक मित्र को फोन कर मदद मांगी थी. इसके बाद पुलिस हरकत में आई. यह तथ्य भी केस का अहम हिस्सा बना, जिसने आपातकालीन सेवाओं की खामियों को उजागर किया.

इन धाराओं में दर्ज हुआ था मामला
इस प्रकरण में भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराएं लगाई गई थीं. IPC की धारा 394, 395, 397, 376D, 120B और संबंधित अधिनियम की धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई. इससे केस की दिशा और गति दोनों बदलीं.

2017-2018 में तय हुए थे आरोप
कानूनी प्रक्रिया के तहत जिले से गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ 11 अप्रैल 2017 को आरोप तय किए गए. वहीं हरियाणा से गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ 27 जुलाई 2018 को चार्ज फ्रेम हुए. इसके बाद लंबी सुनवाई चली. गवाहों, सबूतों और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने अब फैसला सुरक्षित रखा और पांच आरोपियों को दोषी करार दिया.

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आज भी गुमनाम जगह पर रहती है पीड़िता
इस दर्दनाक घटना के बाद पीड़िता और उसका परिवार सामान्य जीवन नहीं जी सका. सुरक्षा कारणों से पीड़िता अपने परिवार के साथ बरेली में एक अज्ञात स्थान पर रह रही है. करीब 9 साल 4 महीने 19 दिन बाद अब मामला अंतिम चरण में पहुंचा है. अदालत के फैसले को लेकर पीड़ित परिवार और समाज की निगाहें टिकी हुई हैं.

कोर्ट में बेखौफ दिखाई दिए दोषी
कोर्ट के फैसले के बाद एक चौंकाने वाला दृश्य सामने आया. दोषी करार दिए गए आरोपी मीडिया के सामने बेखौफ नजर आए. एक आरोपी जुबेर कैमरे में कैद हुआ, जो मीडिया को उकसाते हुए “जियो मेरे शेर, बहुत बढ़िया” और “भाईजान अच्छे से बनाओ” जैसे शब्द कहता दिखा. इस रवैये ने न्याय व्यवस्था और समाज दोनों को हैरान कर दिया.

22 दिसंबर को सजा पर अंतिम फैसला
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वरुण कौशिक ने बताया कि इस केस में पांच आरोपियों को IPC की धारा 394, 395, 397, 376D, 120B, 342 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 के तहत दोषी ठहराया गया है. एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है और बाकी मामलों का निस्तारण पहले हो चुका है. अब 22 दिसंबर को मुख्य पॉक्सो कोर्ट सजा का ऐलान करेगी.

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