बताया जा रहा है कि डॉ. मनीषा व्यापम घोटाले में आरोपी थी. 2015 में एसटीएफ ने पूछताछ के लिए उसे ग्वालियर बुलाया था और गिरफ्तार कर लिया था. छह महीने ग्वालियर जेल में रहने के बाद वह जमानत पर रिहा हुई थी.
बाद में कोर्ट से अनुमति लेकर उसने केजीएमयू में एमएस में दाखिला लिया था. सीबीआई ने उसका पासपोर्ट कब्जे में ले लिया था. उसे हर महीने के दूसरे और चौथे रविवार को ग्वालियर सीबीआई कार्यालय में पेश होना पड़ता था.
वहीं, मनीषा के परिवार का आरोप है कि उसे केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर ऊधम सिंह ने प्रताड़ित किया और खुदकुशी के लिए उकसाया.
उनकी बड़ी बहन दीपा सिंह ने इस संबंध में वजीरगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज करवाई है. उन्होंने पुलिस को एक ऑडियो क्लिप भी सौंपी है.