उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 'खालिस्तान जिंदाबाद' का नारा लिखी टी-शर्ट पहनने वाले एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसे पूछताछ और जांच के बाद रिहा कर दिया गया. आरोपी की पहचान नीमगांव थाना क्षेत्र के गोविंदनगर गांव के निवासी रविंद्र सिंह उर्फ रवि के रूप में हुई है. उसको शुक्रवार को पुलिस ने हिरासत में लिया था. शाहजहांपुर में ली गई उसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा था.
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी रविंद्र जीवन प्रकाश सिंह नामक व्यक्ति के घर पर काम कर रहा था. 11 जून को काम के दौरान रविंद्र को अपनी बीमार सास को लाने के लिए जल्दी से निकलना पड़ा. चूंकि उसके अपने कपड़े गंदे थे, इसलिए जीवन प्रकाश ने उसे एक टी-शर्ट दी, जो उसे अमृतसर के एक रिश्तेदार राजवीर सिंह से मिली थी. रविंद्र और जीवन प्रकाश दोनों को टी-शर्ट पर छपे नारे के बारे में पता नहीं था. उसकी फोटो उस समय ली गई थी, जब वो शाहजहांपुर से गुजर रहा था.
किसी शख्स ने उसकी तस्वीर लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसके बाद पुलिस ने वाहन के पंजीकरण नंबर से को उसका पता लगाने के बाद उसे हिरासत में ले लिया. जांच करने पर राजवीर सिंह ने पुष्टि की कि उसने जीवन प्रकाश को यह टी-शर्ट उपहार में दी थी. उसने कहा कि इसे अमृतसर के एक स्थानीय बाजार से खरीदा गया था, लेकिन उसे इस पर छपी सामग्री का पता नहीं था. उसने पुलिस के सामने ये भी साफ किया कि उसका किसी संगठन से कोई संबंध नहीं है.
सर्किल ऑफिसर (सदर) रमेश तिवारी ने बताया कि जांच के बाद रविंद्र को रिहा कर दिया गया. इसमें पता चला कि उसे आपत्तिजनक नारे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उसका किसी अलगाववादी गतिविधि से कोई संबंध नहीं था. एहतियात के तौर पर उस पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 127 (कुछ मामलों का प्रसार करने वाले व्यक्तियों से अच्छे व्यवहार के लिए सुरक्षा) के तहत मामला दर्ज किया गया. पुलिस की एक टीम इस मामले की जांच में लगी हुई है.
बताते चलें कि पिछले साल उत्तर प्रदेश में खालिस्तानी आतंकियों की गतिविधियां देखी गई थी. पीलीभीत के पूरनपुर में पंजाब पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम से हुए एनकाउंटर में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकवादी मारे गए थे. उनके पास से दो एके-47 राइफल, दो पिस्टल और भारी मात्रा में जिंदा कारतूस बरामद हुए थे. पोस्टमार्टम के बाद तीनों आतंकियों के शवों को पंजाब पुलिस अपने गृह राज्य ले गई थी. वो पंजाब मे हुए ग्रेनेड अटैक में शामिल थे.