पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में एसआईटी ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. 4 शूटरों की पहचान भी कर ली गई है, जिन्होंने मूसेवाला पर गोली चलाई थी.
पकड़े गए इन सभी लोगों पर आरोप हैं कि इन्होंने ना सिर्फ मूसेवाला की रेकी की, बल्कि लॉजिस्टिक मदद भी उपलब्ध कराई थी. जांच में यह भी सामने आया कि मूसेवाला के साथ प्रशंसक बनकर सेल्फी लेने वाले केकड़ा ने ही शूटर्स को गायक की सभी जानकारी दी थी.
बता दें कि मानसा जिला अदालत ने सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में गिरफ़्तार किए गए मनप्रीत मना और संदीप केकड़ा को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.
जिन 8 आरोपियों को मूसेवाला की हत्या के मामले में एसआईटी ने गिरफ्तार किया है उनके नाम- संदीप उर्फ केकड़ा (सिरसा), मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू (भटिंडा), मनप्रीत भाऊ (फरीदकोट), शरज मिंटू (अमृतसर), प्रभू दीप सिद्धू उर्फ पब्बी (हरियाणा), मोनू डागर (रेवाड़ी) पवन बिश्नोई और नसीब (फतेहाबाद) हैं. पंजाब पुलिस की एसआईटी टीम ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि मूसेवाला मर्डर केस में अब तक आठ लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की भूमिका के बारे में बताते हुए एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स के एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि संदीप उर्फ केकड़ा ने गोल्डी बरार और सचिन थापन उर्फ सचिन बिश्नोई के निर्देश पर खुद को सिद्दू मूसेवाला का फैन बताकर गायक की गतिविधियों पर नजर रखी थी. उन्होंने कहा कि हत्या से कुछ देर पहले जब सिद्धू मूसेवाला अपने घर से निकल रहे थे तो केकड़ा ने गायक के साथ सेल्फी भी ली थी.
एडीजीपी बान ने कहा, 'केकड़ा ने शूटरों और विदेश में बैठे हैंडलर को सभी इनपुट साझा किए जैसे कि गायक के साथ उसके सुरक्षाकर्मी नहीं हैं, कितने लोग उसके साथ हैं, गाड़ी की जानकारी और वह बिना बुलेट प्रूफ कार महिंद्रा थार से आ रहा है.'
उन्होंने कहा कि मनप्रीत मन्ना ने मनप्रीत भाऊ को एक टोयोटा कोरोला कार दी थी. उसके बाद ये कार सरज मिंटू के निर्देश पर 2 लोगों को दी गई, जिन पर शूटर होने का संदेह है. सरज गोल्डी बरार और सचिन थापन का करीबी है.
एडीजीपी ने बताया कि पांचवें आरोपी प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी ने जनवरी 2022 में हरियाणा से आए गोल्डी बराड़ के दो साथियों को पनाह दी थी और उनके जरिए सिद्धू मूसेवाला के घर और आसपास के इलाकों की रेकी भी की थी. मोनू डागर ने गोल्डी बरार के निर्देश पर इस हत्या को अंजाम देने के लिए 2 शूटर मुहैया कराए और शूटरों की टीम को इकट्ठा किया. उन्होंने कहा कि पवन बिश्नोई और नसीब ने शूटरों को बोलेरो कार दी थी और उन्हें छिपने का ठिकाना भी मुहैया कराया था.
इस बीच एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि आईजीपी जसकरण सिंह के नेतृत्व में एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है और पहचान किए गए शूटरों और अपराध में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
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