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राजस्थान: फैक्ट्री में मजदूरों को बंधक बनाकर करा रहे थे मजदूरी, वीडियो वायरल

ठेकेदार नाथूभाई पटेल 19 जून को कंपनी छोड़कर भाग गया है. ऐसे में कंपनी ने मजदूरों को वेतन देने से इनकार कर दिया. मजदूरों का कहना है कि उनके पास राशन के लिए पैसे नहीं है. उधारी से राशन लेकर गुजारा कर रहे थे. अब तो उधारी मिलना भी बंद हो गई है. न ही उनके पास खाने को राशन है.

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राजस्थान में फैक्ट्री में मजदूरों को बंधक बनाकर करा रहे थे मजदूरी.
राजस्थान में फैक्ट्री में मजदूरों को बंधक बनाकर करा रहे थे मजदूरी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुलिस ने मजदूरों और फैक्ट्री प्रबंधन को बुलाकर बातचीत कराई
  • एक दर्जन मजदूरों को कंपनी के अंदर बंधुआ मजदूर बनाकर रखने का आऱोप

राजस्थान में अलवर जिले की एक कंपनी पर एक दर्जन से अधिक मजदूरों को बंधक बनाकर बंधुआ मजदूरी कराने का आरोप लगा है. साथ ही चार महीने से वेतन भी नहीं दिया गया. इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में हाथ जोड़कर विनती करते हुए मजदूर दिखाई दे रहे हैं. 

वीडियो वायरल होने के बाद बहरोड पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मुआयना किया. वहीं, कंपनी प्रबंधन का कहना है कि ठेकेदार एडवांस डेढ़ लाख रुपये लेकर भाग गया है. कंपनी ठेकेदार को भुगतान कर रही थी.

बहरोड पुलिस ने फैक्ट्री प्रबंधन और मजदूरों को थाने बुलाकर बातचीत करवाई गई. साथ ही मजदूरों को बकाया रकम भुगतान करवाने के लिये फैक्ट्री प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं. पुलिस ने 3 दिन में पेमेंट करवाने और मजदूरों की घर वापसी का समझौता करवा दिया है.


काम करते हुए हुआ चार महीने से अधिक का समय

दरअसल, अलवर जिले के बहरोड औद्योगिक क्षेत्र में स्थित जयडूर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में झारखंड, बिहार और आसपास के राज्यों के मजदूरों को गुजरात के ठेकेदार के माध्यम से भर्ती कराया गया था. एक दर्जन से अधिक मजदूर चार महीने पहले मजदूरी करने के लिए फैक्ट्री आये थे. उन्हें कंपनी में काम करते हुए चार महीने से अधिक समय हो गया लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया गया. सभी एक दर्जन मजदूरों को कंपनी के अंदर बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया था. 

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वहीं, ठेकेदार नाथूभाई पटेल 19 जून को कंपनी छोड़कर भाग गया है. ऐसे में कंपनी ने मजदूरों को वेतन देने से इनकार कर दिया. मजदूरों का कहना है कि उनके पास राशन के लिए पैसे नहीं है. उधारी से राशन लेकर गुजारा कर रहे थे. अब तो उधारी मिलना भी बंद हो गई है. न ही उनके पास खाने को राशन है.

रुपये नहीं होने के कारण मजदूरों के घरों में भी हाहाकार

यही नहीं, जब सभी मजदूर कंपनी से घर जाने के लिए बाहर आते हैं तो उन्हें गेट के बाहर नहीं जाने दिया जाता है. ऐसे में रुपये नहीं होने के कारण उनके घरों में भी हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में मजदूरों ने इस मामले की शिकायत सोशल मीडिया के माध्यम से श्रम विभाग के अधिकारियों से की है.

सोशल मीडिया पर मजदूरों का जमीन पर बैठे हुए वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह श्रम विभाग के अधिकारियों से उन्हें मुक्त कराने तथा न्याय दिलाने की बात हाथ जोड़ कर कहते दिख रहे हैं. यह मजदूर बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों के हैं. वीडियो वायरल होने के बाद बहरोड पुलिस ने देर रात कंपनी पहुंच कर मजदूरों से बात की और दोनों पक्षों को बैठाकर समझौता करवाया.

सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो से सामने आई जानकारी

थानाधिकारी विनोद सांखला ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के फेज दो की एक कंपनी के जरिए कुछ मजदूरों को बंधक बनाए जाने की सूचना हमें सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो से मिली थी. इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रात में मुआयना किया और मजदूरों से बात की. जहां बंधक बनाए जाने की कोई बात सामने नहीं आई लेकिन बिना वेतन मजदूरी करवाई जा रही थी. मजदूरों और फैक्ट्री प्रबंधन को बुलाकर वार्ता कराई गई है.

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वहीं, कंपनी मैनेजर सुरेश कुमार का कहना है कि बंधवा मजदूरी करावने का आरोप गलत है. सभी मजदूरों को रहने के लिए कमरे दिए गए हैं. कंपनी की ओर से राशन दिलवाया जाता है और बाइक जिस पर ये बाहर घूमने जाते हैं. यह भी कंपनी ने दे रखी है. कंपनी ने ठेकेदार को भुगतान कर दिया था. ठेकेदार मई महीने का भी डेढ़ लाख रुपये एडवांस लेकर फरार हो गया है. 

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