पिछले एक साल में पंजाब पुलिस पोस्ट पर हुए ग्रेनेड अटैक केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. इस हमले को प्रतिबंधित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश से जोड़ा गया है. इसमें यूके स्थित ऑपरेटिव जगजीत सिंह लाहिड़ी उर्फ जग्गा मुख्य मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है. साल 2024 में पंजाब के एसबीएस नगर में एक पुलिस चौकी को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला किया गया था.
एनआईए ने जिन तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है, उनकी पहचान युगप्रीत सिंह उर्फ युवी निहंग, जसकरन सिंह उर्फ शाह और हरजोत सिंह उर्फ जोत हुंदल के रूप में हुई है. सभी एसबीएस नगर के राहोन गांव के निवासी हैं. उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत केस दर्ज किए गए हैं. जांच से पता चला है कि जग्गा को जग्गा मियापुर और हरि सिंह के नाम से भी जाना जाता है.
उसने यूनाइटेड किंगडम से काम करते हुए हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में केंद्रीय भूमिका निभाई थी. माना जाता है कि केजेडएफ नेटवर्क के लिए मुख्य संचालक के रूप में काम करते हुए जग्गा ने ब्रिटेन स्थित एक मध्यस्थ के जरिए युगप्रीत सिंह को कट्टरपंथी बनाया. इसके बाद में एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप के जरिए उसे निर्देश दिया करता था. जग्गा ने कनाडा स्थित संस्थाओं के एक परिष्कृत नेटवर्क के माध्यम से युगप्रीत को 4.36 लाख रुपए से अधिक का आतंकी फंड दिया.
युगप्रीत सिंह ने बाद में दो सह-आरोपियों को भर्ती किया. तीनों ने 1 और 2 दिसंबर 2024 की मध्यरात्रि के दौरान अस्रोन पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला किया. खुफिया जानकारी से पता चलता है कि हमले में इस्तेमाल किया गया ग्रेनेड केजेडएफ के विदेशी आधारित संचालकों द्वारा हफ्तों पहले नवंबर में दिया गया था. मार्च 2025 में पंजाब पुलिस से मामले को अपने हाथ में लेने वाली एनआईए अब जग्गा के व्यापक नेटवर्क और केजेडएफ प्रमुख रंजीत सिंह उर्फ नीता के संबंधों की जांच कर रही है.